वैट काल के अंतिम दिन के स्टॉक पर भी लगाया जा रहा टैक्स, जानिए इसकी वजह

30 जून 2017 को जब वैट का अंतिम दिन था। एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू हो गया था। उस समय वैट के अंतिम दिन का जो स्टॉक था कारोबारियों ने उसे ट्रान 1 फार्म के जरिए जीएसटी में ट्रांसफर कर लिया था।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 03:45 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 05:33 PM (IST)
वैट काल के अंतिम दिन के स्टॉक पर भी लगाया जा रहा टैक्स, जानिए इसकी वजह
कारोबारी बुरी तरह परेशान हैं और टैक्स सलाहकारों के चक्कर लगा रहे हैं

कानपुर, जेएनएन। वाणिज्य कर विभाग जीएसटी लागू होने के चार वर्ष बाद कारोबारियों से वैट के अंतिम दिन के स्टाक पर टैक्स मांग रहा है, जबकि 30 जून 2017 के स्टाक को कारोबारियों ने एक जुलाई 2017 को जीएसटी में ट्रांसफर कर लिया था और उस माल को बेचने के बाद उसका टैक्स भी जीएसटी में दिया गया था। वाणिज्य कर विभाग इस संबंध में कारोबारियों को नोटिस जारी कर रहा है। इसे लेकर कारोबारी बुरी तरह परेशान हैं और टैक्स सलाहकारों के चक्कर लगा रहे हैं।

30 जून 2017 को जब वैट का अंतिम दिन था। एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू हो गया था। उस समय वैट के अंतिम दिन का जो स्टॉक था, कारोबारियों ने उसे ट्रान 1 फार्म के जरिए जीएसटी में ट्रांसफर कर लिया था। इसके बाद जीएसटी में माल बेचा और उस पर टैक्स दिया लेकिन अब वाणिज्य कर विभाग कारोबारियों को वैट के अंतिम दिन के स्टॉक पर टैक्स मांग रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं वैट के दौरान का खरीदे गए माल को वैट के अंतिम दिन तक ना बेचने पर अधिकारी उसकी आइटीसी भी वापस लेने की बात कह रहे हैं। इस तरह की नोटिस आने से कारोबारी परेशान हैं।

मर्चेंट चैंबर की जीएसटी कमेटी के चेयरमैन संतोष गुप्ता के मुताबिक ऐसे आदेश नहीं किए जा सकते। आइटीसी की वापसी तब तक नहीं हो सकती जब तक कारोबार बंद ना हो जाए। साथ ही वैट से स्टाक जीएसटी में ले जाने के लिए खुद जीएसटी ने ट्रान 1 की व्यवस्था दी थी और कारोबारियों ने उसके आधार पर माल बेच कर टैक्स चुकाया तो उसी माल पर वैट के दौरान के लिए दोबारा टैक्स नहीं लिया जा सकता। 

chat bot
आपका साथी