ताजुश्शरिया के उर्स में उलमा बोले- मोहब्बत है सूफियों के सभी सिलसिलों का पैगाम

कानपुर के प्रेमनगर में ताजुश्शरीया हजरत अख्तर रजां खां अजहरी मियां का उर्स अकीदत के साथ मनाया गया। उलमा ने उनके पैगाम को बढ़ाने पर जोर दिया । कहा मोहब्बत और इंसानियत के लिए हमेशा काम करें ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 04 Apr 2021 03:56 PM (IST) Updated:Sun, 04 Apr 2021 03:56 PM (IST)
ताजुश्शरिया के उर्स में उलमा बोले- मोहब्बत है सूफियों के सभी सिलसिलों का पैगाम
प्रेमनगर में अकीदत-ओ-एहतराम से मनाया उर्स ।

कानपुर, जेएनएन। ताजुश्शरीया हजरत अख्तर रजां खां अजहरी मियां का उर्स प्रेमनगर में अकीदत ओ एहतराम से मनाया गया। उर्स में उलमा, मस्जिदों के इमामों, मदरसों के छात्रों ने शिरकत की। जलसे में मौलाना मुजफ्फर हुसैन मिस्बाही ने कहा कि हजरत ताजुश्शरिया पूरी जिंदगी मसलक के आला हजरत के प्रचार व प्रसार के लिए काम करते रहे। उन्होंने लोगों को मोहब्बत का पैगाम दिया। वे अपने वक्त के कामिल बुजुर्ग थे।

उन्होंने कहा कि सूफियों के सभी सिलसिलों का पैगाम मोहब्बत है। हर बुजुर्ग ने एक दूसरे के बीच मोहब्बत कायम करने का पैगाम दिया है। सूफियों के पैगाम को आगे बढ़ाने की जरूरत है। शहरकाजी डा.यूनुस रजा उवैसी ने कहा एक दूसरे के बीच मतभेद भुलाकर आला हजरत इमाम अहमद रजा खां के पैगाम को फैलाने के लिए एकजुट हो जाएं। उन्होंने आला हजरत व ताजुश्शरिया की जिंदगी पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि जिस तरह ताजुश्शिया ने आला हजरत के पैगाम को आगे बढाया है, उसी तरह मसलक के आला हजरत को मानने वाले भी इस काम को अंजाम दें।

उन्होंने मरहूम शहरकाजी मौलाना रियाज अहमद हशमती को भी याद किया। उन्होंने कहा कि मरहूम शहरकाजी मौलाना रियाज अहमद हशमती ने अपनी पूरी जिंदगी आला हजरत की वफादारी में गुजारी।डॉ.सुल्तान हाशमी ने कहा कि एक दूसरे के साथ मिलजुल कर काम करना चाहिए। उर्स में मौलाना आसिफ इकबाल हबीबी, कारी हाफिज उल्लाह, कारी जमाल बरकाती, मौलाना तनवीर बिलाल, अब्दुल कय्यूम, मौलाना फारूक रजवी, मौलाना नूर मोहम्मद, शम्सुल कमर रहमानी, सूफी लाल मोहम्मद, हाफिज तारिक अजहरी आदि रहे।

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