स्वाती घोष बनीं कोरिया आर्ट फेस्टिवल की एंबेसडर
जागरण संवाददाता कानपुर शहर में पली बढ़ीं और यहां के स्कूल-कालेज में शिक्षित हुईं।
जागरण, संवाददाता, कानपुर : शहर में पली बढ़ीं और यहां के स्कूल-कालेज में शिक्षित हुईं स्वाती घोष को साउथ कोरिया में होने वाले अंतरराष्ट्रीय आर्ट फेस्टिवल का कल्चर एंबेसडर (युकयुंग आर्ट म्यूजियम के लिए) चुना गया है। फ्रांस के इंटरनेशनल काउंसिल आफ म्यूजियम ने उन्हें इस अंतरराष्ट्रीय फेस्टिवल में जज के लिए चुना है। सितंबर में होने वाले इस फेस्टिवल में 60 देशों से 250 कलाकार अपनी पेंटिग व ड्राइंग का प्रस्तुतिकरण करेंगे।
निर्णायक मंडल के लिए चुने जाने के साथ ही इंटरनेशनल कल्चर एंड आर्ट्स फेडरेशन कोरिया ने स्वाती को ड्राइंग एंड पेंटिग के उत्कृष्ट कार्य के लिए एचीवमेंट अवार्ड से भी नवाजा है। वह इन दिनों नार्वे में रहती हैं। उनके आध्यात्मिक गुरु श्री योगी राज शक्तिकिकर लाहा राय थे। वह अपनी सफलता का श्रेय उन्हें देती हैं। बचपन में अर्मापुर स्टेट में रहने वाली स्वाती बताया कि उनकी स्कूली शिक्षा गुरुनानक पब्लिक स्कूल व बीएससी की पढ़ाई डीबीएस कालेज से हुई। पढ़ाई पूरी करने के बाद उनकी शादी हो गई और वह कोलकाता चली गईं। पति प्रसन्नजीत घोष नार्वे स्थित मर्चेंट नेवी से संबंधित एक कंपनी में वरिष्ठ प्रबंधक हैं। शादी के बाद उन्होंने लंदन आर्ट कालेज से आर्ट एंड ड्राइंग में डिप्लोमा भी किया। उनके पिता पार्थ सारथी राय चौधरी कानपुर स्थित एक रक्षा प्रतिष्ठान में सीनियर आडीटर थे, जबकि मां पर्णा राय चौधरी गृहणी हैं। माता-पिता दोनों कोलकाता में रहते हैं। स्वाती के करियर में उनके माता पिता ने उन्हें पूरी तरह से प्रोत्साहित करते रहे हैं। उनके इस योगदान से शहर का भी गौरव बढ़ा है।