ट्रांसगंगा में औद्योगिक भूखंड की दर आठ हजार रुपये तक करने का सुझाव

मर्चेंट्स चेंबर आफ उत्तर प्रदेश की इंडस्ट्री कमेटी के सदस्यों की हुई बैठक।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 02:03 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 02:03 AM (IST)
ट्रांसगंगा में औद्योगिक भूखंड की दर आठ हजार रुपये तक करने का सुझाव
ट्रांसगंगा में औद्योगिक भूखंड की दर आठ हजार रुपये तक करने का सुझाव

जागरण संवाददाता, कानपुर : मर्चेंट्स चेंबर आफ उत्तर प्रदेश की इंडस्ट्री कमेटी के सदस्यों की बैठक मर्चेंट चेंबर सभागार में बुधवार को हुई। इसमें उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को ट्रांसगंगा सिटी में औद्योगिक विकास के संबंध में सुझाव दिए गए। जल्द ही प्रस्तावित सुझाव प्राधिकरण प्रबंधन को भेजे जाएंगे। 18 जून को प्राधिकरण के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने उद्यमियों के साथ शहर का भ्रमण किया था और उन्हें निवेश के लिए प्रेरित किया था। साथ ही सुझाव भी मांगे थे। उद्यमियों ने कहा कि औद्योगिक भूखंड का मूल्य 10850 रुपये प्रति वर्ग मीटर है जो कि बहुत अधिक है। इस दर को कम करते हुए आठ हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर तक किया जाना चाहिए। साथ ही वर्तमान में भुगतान को 12 अर्ध-वार्षिक किस्तों में देय करने की सुविधा है। जबकि किस्तों की संख्या बढ़ाकर 20 की जानी चाहिए। अधिग्रहित भूमि पर सड़क, सीवरेज, बिजली, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं के बुनियादी ढांचे का विकास समय-सीमा, नियम व शर्तों में नहीं सुझाई गई है। उक्त मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने के लिए एक समय-सीमा दी जानी चाहिए। ताकि निवेशक उसी के अनुसार अपने उद्यम को शुरू करने की प्लानिग कर सकें। अर्ध-वार्षिक किस्त देय होने की तिथि निश्चित करने के लिए मोरेटोरियम पीरियड के उल्लेख का सुझाव भी दिया जाएगा। बुनियादी ढांचों सहित अन्य सुविधाओं का विकास पूरा होने तक के समय को अधिस्थगन अवधि में शामिल किया करने और इस अवधि का ब्याज हितधारक से न वसूले जाने संबंधी प्रस्ताव भी देने पर सहमति बनी।

उद्यमियों ने कहा कि प्राधिकरण अर्ध-वार्षिक किस्त पर ब्याज की दर 12 प्रतिशत व निर्धारित समय बीतने पर दो प्रतिशत जुर्माना लेने का प्रविधान बनाया है। वर्तमान में अधिकतर बैंकों की एमएसएमई सेक्टर में टर्म लोन ब्याज की दर आठ से नौ प्रतिशत के आसपास है। प्राधिकरण को भी अपनी ब्याज दर नौ प्रतिशत व अधिदेय पर एक प्रतिशत अधिक वसूलना चाहिए। सिटी में सम्मेलन केंद्र, होटल, क्लब आदि की व्यवस्था होनी चाहिए। इकाइयों की स्थापना हेतु समय अवधि की गणना आधारभूत ढांचा एवं अन्य सुविधाएं विकसित होने के समय के बाद से ही करनी चाहिए। इकाइयों की स्थापना के लिए विभिन्न विभागों से एनओसी लेने के लिए एकल खिड़की सेवा की स्थापना होनी चाहिए। बैठक में चेंबर के अध्यक्ष मुकुल टंडन, उपाध्यक्ष अतुल कनोडिया, इंडस्ट्री कमेटी के चेयरमैन सुशील शर्मा, आयात एवं निर्यात कमेटी के सलाहकार आरके जालान, डा. आइएम रोहतगी, आरके अग्रवाल, श्याम मेहरोत्रा, सुनील खन्ना, कपिल भाटिया, रूफी वाकी, प्रेम मनोहर गुप्ता, अनिल शरण गर्ग, सचिव महेंद्र नाथ मोदी ने सुझाव दिए।

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