शुगर-बीपी कंट्रोल रखेगा मोरिंगा छेना और इम्युनिटी बढ़ाएगा स्ट्रॉबेरी रसगुल्ला, सीएसए पेटेंट कराएगा अपने उत्पाद
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पशुपालन एवं दुग्ध विज्ञान विभाग के शोधार्थी ने सहजन का छेना और स्ट्रॉबेरी रसगुल्ला तैयार किया है। सहजन छेना स्प्रेड को रोटी-ब्रेड पर लगाकर खा सकते जो पौष्टिक गुणों से भरपूर है।
कानपुर, [शशांक शेखर भारद्वाज]। अब तक तो आप सिर्फ स्वाद के लिए गुलाबजामुन, रसगुल्ला, छेना और राजभोग खाते थे लेकिन अब ये आपकी सेहत का भी ख्याल रखेंगे। चोरी छिपे मीठा खाने वाले शुगर पेशेंट भी अब छेना का स्वाद ले सकेंगे। क्योंकि चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में ऐसा छेना तैयार किया है जो शुगर-बीपी कंट्रोल रखेगा, वहीं रसगुल्ला इम्युनिटी बढ़ाएगा।
सीएसए में शोध के बाद हुआ तैयार
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पशुपालन एवं दुग्ध विज्ञान विभाग के शोधार्थी आलोक राय ने डॉ. एमपीएस यादव के नेतृत्व में सहजन का छेना और स्ट्रॉबेरी रसगुल्ला तैयार किया है। अब मोरिंगा छेना स्प्रेड को दूध के अन्य उत्पादों के रूप में विकसित किया जा रहा है। स्ट्रॉबेरी के रसगुल्ले स्वाद देने के साथ ही सेहतमंद भी बनाएंगे। इतना ही नहीं सहजन (मोरिंगा ओलिफेरा) से छेना स्प्रेड भी बना लिया गया है। भूख लगने पर इसे रोटी-ब्रेड के साथ कभी भी खा सकते हैैं। इसमें जहां फैट की मात्रा बेहद कम है, वहीं प्रोटीन, मिनरल्स, लैक्टोज समेत अन्य पौष्टिक गुणों की भरमार। रसगुल्ले के रूप में भी बनाने की तैयारी है।
सहजन की पत्तियों और स्ट्रॉबेरी अर्क से किया तैयार
डॉ.एमपीएस यादव ने बताया कि सहजन की पत्तियों से अर्क निकाला गया है। एक लीटर पानी में 250 ग्राम सहजन की पत्तियां डालकर करीब सात से आठ मिनट तक उबाला गया। ठंडे होने पर पत्तियां छानकर अलग कर दी गईं। इसे मिलाकर दूध फाड़कर छेना तैयार किया गया। एक किलो छेना में 15 फीसद (150 एमएल) सहजन की पत्तियों का अर्क डाल दिया। इसमें 1.5 फीसद नमक मिलाकर मिक्सर ग्राइंडर से ग्राइंड कर लिया जाए। न एकदम गीला रहे और न ही सूखा। थोड़ी देर रखने के बाद ब्रेड या रोटी में लगाकर खा सकते हैं।
100 ग्राम मोरिंगा छेना स्प्रेड में 400 कैलोरी होती है। प्रोटीन 20 फीसद, फैट 15 फीसद, खनिज लवण 2.5 फीसद, लैक्टोज दो फीसद मिला है। अन्य मक्खन और स्प्रेड में फैट की मात्रा 80 फीसद तक रहती है। स्ट्रॉबेरी के अर्क को विशेष प्रक्रिया से निकाला गया है। यह छेने के साथ मिलाकर रसगुल्ले के रूप में तैयार हुआ। हर्बल रंग से स्ट्रॉबेरी जैसा बनाया।
स्टार्टअप के लिए पेटेंट कराएंगे शोध
कुलपति डॉ. डीआर सिंह ने बताया कि शोध पेटेंट कराने के लिए कहा गया है, इससे छात्र को स्टार्टअप शुरू करने में आसानी रहेगी। विश्वविद्यालय मोरिंगा और अन्य औषधीय गुणों से युक्त फसलों से रेडी टू ईट खाद्य उत्पाद तैयार कर रहा है।
औषधीय गुणों से भरपूर सहजन
शाकभाजी अनुसंधान अनुभाग के डॉ. संजीव सचान ने बताया कि सहजन का वानस्पतिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा है। यह पौष्टिकता से भरपूर है।
सहजन के फायदे विटामिन बी कांप्लेक्स की अधिकता। एंटी एलर्जी और एंटी ऑक्सीडेंट की भरमार। बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता। हड्डियों की मजबूती मधुमेह नियंत्रण। उच्च रक्तचाप नियंत्रण। पाचन क्रिया बेहतर।
स्ट्रॉबेरी के फायदे वजन कम करना। ब्लड प्रेशर में आराम। त्वचा और बालों के लिए लाभकारी। कैंसर से बचाव। बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता। हड्डियों की मजबूती।