कानपुर में Police ने 100 Media WhatsApp Group से किया Left , ऐसा क्यों किया... कोई बोलने को तैयार नहीं

महानगर में लगभग 100 वाट्सएप ग्रुप हैं जिनमें पत्रकारों के साथ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। कई ग्रुपों में तो पुलिस आयुक्त अपर पुलिस आयुक्त डीसीपी स्तर के अधिकारी भी थे। सुबह करीब नौ बजे अचानक मीडिया वाट्सएप ग्रुप से पुलिस अधिकारियों व थानेदारों ने लेफ्ट होना शुरू किया

By Akash DwivediEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 04:20 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 04:20 PM (IST)
कानपुर में Police ने 100 Media WhatsApp Group से किया Left , ऐसा क्यों किया... कोई बोलने को तैयार नहीं
बताया जा रहा है कि देर रात शासन स्तर से आए एक आदेश के बाद ऐसा किया गया

कानपुर, जेएनएन। एक अप्रत्याशित घटनाक्रम के तहत सोमवार को कमिश्नरेट के सभी पुलिस अधिकारियों व थानेदारों ने मीडिया के वाट्सएप ग्रुपों से किनारा कर लिया। सुबह करीब नौ बजे से पुलिस ने वाट्सएप ग्रुपों से लेफ्ट होना शुरू किया। हालांकि पुलिस के इस फैसला का इंटरनेट मीडिया पर तीखा गुस्सा भी देखने को मिला और जवाब में कई ग्रुप एडमिन ने पुलिस वालों को लेफ्ट होने से पहले ही बाहर का रास्ता दिखा दिया। ऐसा क्यों हुआ, इसका जवाब कोई नहीं दे रहा। मगर, बताया जा रहा है कि देर रात शासन स्तर से आए एक आदेश के बाद ऐसा किया गया।

एक अनुमान के महानगर में लगभग 100 वाट्सएप ग्रुप हैं, जिनमें पत्रकारों के साथ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। कई ग्रुपों में तो पुलिस आयुक्त, अपर पुलिस आयुक्त, डीसीपी स्तर के अधिकारी भी थे। सुबह करीब नौ बजे अचानक मीडिया वाट्सएप ग्रुप से पुलिस अधिकारियों व थानेदारों ने लेफ्ट होना शुरू किया। पहले तो लोगों को कुछ समझ में ही नहीं आया कि क्या हो रहा, मगर जब ऐसा महसूस किया कि यह जानबूझकर किया जा रहा है तो ग्रुप एडमिनों की ओर से भी जोरदार हमला बोला गया और जिन पुलिस कर्मियों या अधिकारियों ने खुुद को लेफ्ट नहीं किया था, उन्हेंं रिमूव कर दिया गया।

इस मामले में कोई भी कुछ खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आदेश ऊपर से है, लेकिन यह पता नहीं कि किस स्तर से पुलिस अधिकारियों व थानेदारों को वाट्सएप ग्रुप छोडऩे के लिए कहा गया है। स्पष्ट निर्देश हैं कि मीडिया से पुलिस अपने अधिकृत ग्रुप पर ही बात करेगी। हालांकि पुलिस की ओर से अधिकृत ग्रुप पर ओनली फार एडमिन का ऑप्शन लगाया गया है, ऐसे में मीडिया जगत में पुलिस के इस कदम को लेकर आलोचना की जा रही है। 

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