ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित हैं लाखों छात्र-छात्राएं, जेडी ने शासन को भेजी मंडल की पूरी सूची, विकल्प तलाशने की कवायद होगी शुरू

इटावा औरैया कानपुर कानपुर देहात फर्रुखाबाद और कन्नौज के कुल 247228 छात्र संसाधनों की कमी से पढ़ाई से हैैं वंचित। विभाग ने सूची बनाकर शासन को पोर्ट भेजी है।उनके लिए किसी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था का प्रबंध भी नहीं किया गया है।

By Rahul MishraEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 03:00 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 03:00 PM (IST)
ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित हैं लाखों छात्र-छात्राएं, जेडी ने शासन को भेजी मंडल की पूरी सूची, विकल्प तलाशने की कवायद होगी शुरू
संसाधनों की कमी के चलते ऑनलाइन पढ़ाई में आई रुकावट। प्रतीकात्मक चित्र

कानपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी के चलते अप्रैल से यूपी बोर्ड के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करा दी गई थीं। पहले इंटरनेट मीडिया के माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही थी। उसके बाद डीडी यूपी व यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से पढ़ाई करवाई जाने लगी। एनसीईआरटी के माध्यम से शिक्षकों के वीडियो भी तैयार करवाकर उनका प्रसारण करवाया गया। हालांकि हकीकत यह है, कि शासन की इस लंबी कवायद के बावजूद मंडल के 247228 छात्र-छात्राएं ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशक केके गुप्ता ने जब मंडल की यह रिपोर्ट तैयार कराई तो हकीकत सामने आई। अब यह सूची शासन को भेजी गई है।

कैसे पूरा होगा पाठ्यक्रम, अफसर इससे बेफिक्र

माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसर यह दावा करते रहे कि सभी छात्र-छात्राएं ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन हुआ इसका उलटा। अब जो छात्र अभी तक पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, उनका पाठ्यक्रम कैसे पूरा होगा, अफसरों को इसकी भी फिक्र नहीं है। उनके लिए किसी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था का प्रबंध भी नहीं किया गया है।

एक नजर आंकड़ों पर

जिला छात्र-छात्राएं

इटावा 29898

औरैया 33864

कानपुर 89598

कानपुर देहात 56662

फर्रुखाबाद 27439

कन्नौज 9767

इन कारणों से नहीं जुड़ पा रहे

- मोबाइल, लैपटॉप व इंटरनेट का प्रबंध न होना

- छात्रों का सामूहिक रूप से उपस्थित न हो पाना

- तमाम छात्रों की आॢथक स्थिति बेहतर न होना

इनका है कहना

जो छात्र-छात्राएं ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित हैं, उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था कराएंगे। जिससे उनका पाठ्यक्रम पूरा कराया जा सके। - केके गुप्ता, जेडी 

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