CSJMU Kanpur: स्नातक तृतीय वर्ष के छात्रों को मिले 35 से 40 फीसद अंक, बीएड और एमएससी में प्रवेश का सपना टूटा

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के करीब 70 फीसद छात्र छात्राओं का परीक्षाफल बेहद खराब है। इससे छात्रों का अब बीएड एमएससी और उच्च शिक्षा में प्रवेश लेने का सपना टूट गया है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 07:51 AM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 07:51 AM (IST)
CSJMU Kanpur: स्नातक तृतीय वर्ष के छात्रों को मिले 35 से 40 फीसद अंक, बीएड और एमएससी में प्रवेश का सपना टूटा
सीएसजेएमयू का परीक्षा परिणाम बेहद खराब है।

कानपुर, जेएनएन। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय ने स्नातक द्वितीय व तृतीय वर्ष का जो परीक्षा परिणाम घोषित किया है वह बेहद चौकाने वाला है। करीब 70 फीसद छात्र छात्राओं का परीक्षाफल इतना खराब है कि वह किसी प्रतियोगी परीक्षा के फार्म नहीं भर सकते हैं। उनके अंक इतने कम हैं कि अगली कक्षा में प्रवेश लेना भी उनके लिए मुश्किल है। स्नातक तृतीय वर्ष में ज्यादातर छात्र छात्राओं को 35 से 40 फीसद अंक तक दिए गए हैं। इन छात्र छात्राओं ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की है।

इस बार वार्षिक परीक्षा में छात्र छात्राओं से आब्जेक्टिव प्रश्न पूछे गए थे, इसकी आनसर की विश्वविद्यालय ने जारी की थी। जब छात्रों ने किए गए प्रश्नों का आनसर-की से मिलान किया तो उनके अंक अच्छे थे। लेकिन परीक्षा परिणाम जारी करने के बाद जो अंक उनके सामने आए वह चौंकाने वाले थे। छात्रों का कहना है कि उन्हें वह अंक दिए ही नहीं गए जो आनसर-की से मिलान करके जोड़े थे। कन्नौज स्थित एक निजी कालेज के प्रबंधक रवि यादव का कहना है कि छात्र चाहते हैं कि उनकी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन दोबारा हो।

एक अन्य कालेज के प्रबंधक मुकेश यादव ने बताया कि लिखित के साथ प्रयोगात्मक परीक्षा में भी अंक कम हैं। छात्र छात्राओं को बुलाया गया है। विश्वविद्यालय के सामने छात्र अपनी बात रखेंगे। वहीं दूसरी ओर कई छात्रों ने प्रधानमंत्री पोर्टल में लिखा है कि स्नातक प्रथम व द्वितीय वर्ष में उनके 70 से 75 फीसद अंक आए हैं तो इस वर्ष यह अंक 40 फीसद कैसे हो सकते हैं। आनसर-की से किए गए मिलान पर अंकों का योग 80 से 85 फीसद तक आ रहा है।

-मामला संज्ञान में आया है। छात्र छात्राओं के हित को ध्यान में रखते हुए उचित कदम उठाया जाएगा। तकनीकी रूप से विश्वविद्यालय मामले की जांच करेगा। उसके बाद आगे की प्रक्रिया की जाएगी। -डा. अंजनि मिश्रा, परीक्षा नियंत्रक सीएसजेएमयू

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