कानपुर में गहरा सकता है बिजजी संकट, मोबाइल स्विच आफ कर केस्को अवर अभियंता करेंगे अनशन
कोरोना संक्रमण के दौर में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए अवर अभियंता व प्रोन्नत सहायक अभियंता दिन-रात जुटे रहे। उपभोक्ताओं को बिजली के लिए परेशान न होना पड़े इसके लिए सभी प्रयास किए जाते हैं। इसके बावजूद अभियंताओं की मांगे नहीं मानी जा रही हैं।
कानपुर, जेएनएन। वेतन विसंगतियों सहित अन्य मांगों को लेकर बिजली अवर अभियंता आंदोलन चला रहे हैं। अभी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो सका है। अब मंगलवार से अवर अभियंता 48 घंटे का क्रमिक अनशन शुरू करेंगे। इस दौरान अवर अभियंता केस्को के वाट्सएप ग्रुप को छोड़ देंगे, अपने मोबाइल फोन भी 48 घंटे के लिए बंद कर देंगे। केस्को के आनलाइन विद्युत कनेक्शन देने का कार्य भी बाधित रहेगा। मुख्यालय गेट पर मंगलवार को शुरू होने वाले अनशन के बाद भी उनकी समस्याओं को अनदेखा किया गया तो अनिश्चित कालीन क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा।
राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन केस्को शाखा के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार अग्रवाल, महासचिव सतीश चंद्र ने बताया कि विभागीय स्तर पर अवर अभियंताओं को न तो मोबाइल उपलब्ध कराए गए हैं न ही लैपटाप दिए गए हैं। इनके अभाव में नए कनेक्शन के लिए झटपट पोर्टल, निवेश मित्र पोर्टल व वाट्सएप पर सभी आनलाइन व्यवस्था बंद रहेंगी।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौर में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए अवर अभियंता व प्रोन्नत सहायक अभियंता दिन-रात जुटे रहे। उपभोक्ताओं को बिजली के लिए परेशान न होना पड़े, इसके लिए सभी प्रयास किए जाते हैं। इसके बावजूद अभियंताओं की मांगे नहीं मानी जा रही हैं। उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। जेपी वार्ष्णेय व सत्यप्रकाश यादव , विकास भटनागर, रमेश चंद्र गौतम ने कहा कि अवर अभियंताओं का वेतन ग्रेड 5400 किया जाए। अवर अभियंता से सहायक अभियंता पद पर प्रोन्नत होने वालों को वेतन निर्धारण ग्रेड वेतन 8700 में किया जाए। अवर अभियंता का ग्रेड वेतन 4800 को 1 जनवरी 2006 से लागू किया जाए। सीधी भर्ती के सहायक अभियंता के द्वितीय एसीपी के प्रारंभिक वेतन पर देय दो वेतन वृद्धि लाभ के अनुरूपता में प्रोन्नत सहायक अभियंता के तृतीय एसीपी में प्रारंभिक वेतन मान पर दो वेतन वृद्धि का लाभ प्रदान किया जाए। प्रोन्नत सहायक अभियंताओं का वरिष्ठता निर्धारण सेवा नियम के तहत संगठन द्वारा प्रस्तुत किए गए पक्ष व आपत्तियों पर विचार को सम्मिलित करते हुए नियमानुसार निस्तारण किया जाए। वर्ष 2000 के पश्चात उत्तर प्रदेश ऊर्जा के सभी निगमों के सेवा में आए कार्मिकों पर पुरानी पेंशन योजना की बहाली की जाए।