कानपुर में सामने आया साइबर ठगी का अजीब मामला, महिला के बैंक खाते में बचे सिर्फ 28 पैसे
कानपुर में साइबर ठगों के अजीब केस सामने आ रहे हैं इस बार महिला के बैंक खाते से रकम गायब कर सिर्फ 28 पैसे छोड़ने के मामले में पुलिस आयुक्त ने बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत के शक में स्पेशल सेल को जांच में लगाया है।
कानपुर, जेएनएन। साइबर ठगी के नित नए मामले सामने आ रहे हैं। अब तक वनटाइम पासवर्ड (ओटीपी) की जानकारी लेकर आनलाइन पैसा ट्रांसफर कराने की शिकायतें मिलीं। मगर, चकेरी के एक मामले ने पुलिस को भी हैरान कर दिया। इसमें साइबर ठगों ने बैैंक में ग्राहक का मोबाइल नंबर ही बदलवा दिया और उसके अकाउंट से करीब 3.35 लाख रुपये साइबर ठगों ने पार कर दिए। यह घटना काफी पहले की है, लेकिन चकेरी पुलिस के ढुलमुल रवैए और मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस आयुक्त ने जांच के लिए अब स्पेशल सेल को लगाया है।
यह मामला थाना चकेरी के श्याम नगर का है। यहां रहने वाली श्वेता श्रीवास्तव ने बताया कि उनका बैंक खाता श्याम नगर की भारतीय स्टेट बैंक शाखा में है। उनके बैंक खाते में 3.35 लाख रुपये जमा थे। दो सितंबर 2019 को जब उन्होंने अपना खाता चेक किया तो पता चला कि खाते में केवल 28 पैसे बचे हैैं। साइबर ठगों ने 29 जून 2019 से 21 अगस्त 2019 के बीच दर्जनों बार एटीएम व यूपीआइ द्वारा रकम निकाली। इस मामले में पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है। चकेरी पुलिस के ढुलमुल रवैए के चलते अब तक जांच पूरी नहीं हुई।
पत्र मिला और बैैंक ने बदल दिया मोबाइल नंबर : अमूमन साइबर ठगी ओटीपी पूछकर होती है, मगर इस मामले में जो हुआ वह चौकाने वाला है। बैंक ने श्वेता को बताया है कि बैंक को उनका एक पत्र मिला था, जिसमें मोबाइल नंबर बदलने को कहा गया था। बिना किसी जांच पड़ताल के बैंक ने मोबाइल नंबर बदल दिया। मोबाइल नंबर बदलने की वजह से ग्राहक को रुपये निकाले जाने की कोई जानकारी नहीं मिली। खास बात यह है कि ग्राहक के पास एटीएम कार्ड भी है, लेकिन उसने इस दौरान उसका भी प्रयोग नहीं किया।
पुलिस आयुक्त से शिकायत : पीडि़ता श्वेता ने पुलिस आयुक्त असीम अरुण से प्रकरण में शिकायत की है। पुलिस आयुक्त के मुताबिक बैंक कर्मियों की मिलीभगत का आरोप पीडि़ता ने लगाया है। ऐसे में स्पेशल सेल को जांच के लिए लगाया गया है। जल्द ही सामने आएगा कि आखिर यह साइबर ठगी कैसे हुई। यह अपनी तरह का पहला मामला है।