कानपुर में मंधना से मरहला चौराहे तक स्टेट हाइवे होगा फोरलेन, पीडब्लूडी ने बनाई डीपीआर

स्टेट हाईवे घोषित होने के बाद पीडब्लूडी विभाग ने दोबारा डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई है। अब इसे अधीक्षण अभियंता चेक करने के बाद शासन को भेजेंगे। हाइवे बन जाने के बाद लखनऊ का सफर और सुविधाजनक हो जाएगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 02 Jun 2021 09:51 AM (IST) Updated:Wed, 02 Jun 2021 09:51 AM (IST)
कानपुर में मंधना से मरहला चौराहे तक स्टेट हाइवे होगा फोरलेन, पीडब्लूडी ने बनाई डीपीआर
शासन को ऑनलाइन भेजी जाएगी डीपीआर ।

कानपुर, जेएनएन। मंधना से मरहला चौराहा तक स्टेट हाईवे को फोरलेन करने के लिए पीडब्ल्यूडी ने डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बना दिया है। इसकी चेकिंग चल रही है। इसके बाद पीडब्ल्यूडी अधीक्षण अभियंता ऑनलाइन डीपीआर शासन को भेज देंगे।

मंधना से गंगाबैराज, शुक्लागंज, पुरवा होते मोहनलालगंज तक स्टेट हाईवे-174 घोषित किया गया था। इससे पहले से सड़क को फोरलेन किए जाने की कवायद चल रही थी। इसका डीपीआर 154 करोड़ का तैयार किया था, लेकिन स्टेट हाईवे घोषित करने के बाद दोबारा डीपीआर तैयार किया गया। दो दिन में यह अधीक्षण अभियंता जय सिंह के सामने रखा जाएगा। इसके बाद उसे ऑनलाइन शासन को भेजा जाएगा। अवर अभियंता कमलेश यादव ने बताया कि मंधना से मरहला चौराहे तक सड़क पीडब्ल्यूडी कानपुर के पास है। इस वजह से इतनी ही सड़क का डीपीआर बनाया गया है।

इस तरह होगा फायदा

कानपुर शहर के तमाम लोग बैराज के रास्ते लखनऊ जाते हैं तो रसूलाबाद, शिवली, चौबेपुर आदि क्षेत्रों के लोग भी इसी रास्ते से लखनऊ व रायबरेली की ओर जाते हैं। रायबरेली, अमेठी और लखनऊ की ओर से आने वाले लोग, जिनको कन्नौज, मैनपुरी, अलीगढ़ की ओर जाना होता है, उनको मार्ग चौड़ा होने पर गंतव्य तक पहुंचने में कम समय लगेगा। इसके साथ ही ट्रांसगंगा सिटी में बड़े पैमाने पर निवेश होने की उम्मीद है। ऐसे में यहां माल लेकर आने और लेकर जाने वाले ट्रकों को भी कहीं नहीं फंसना पड़ेगा।

ये है प्रोजेक्ट

लंबाई : 70 किमी

लागत : 136 करोड़

यूटिलिटी : 26 करोड़

डिवाइडर : 2.50 मीटर

चौड़ाई: 15 मीटर

फुटपाथ : सड़क के दोनों तरफ 2-2 मीटर

-हादसे से बचाव के लिए बनेगी रेटिेंग वाल

-बंधे पर डब्ल्यू टाइप के लोहे के क्रॉस एंगल बनेंगे। मंधना से मरहला चौराहे तक स्टेट हाईवे को फोरलेन होना है। इसका डीपीआर तैयार किया गया है। अधीक्षण अभियंता के सामने प्रस्ताव रखने के बाद ऑनलाइन एस्टीमेट शासन को भेजा जाएगा। -एसपी ओझा, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड भवन दो

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