World Elder Abuse Awareness Day: अपनों से ठोकर मिली तो सवेरा बना बुजुर्गों का सहारा
खून-पसीने की कमाई से घर बनाया और अब अपने ही बेघर करने पर तुल गए तो बुजुर्गों के लिए सवेरा सहारा बना है। कानपुर पुलिस सवेरा योजना के तहत मदद के लिए बुजुर्ग पंजीकरण कर रही है अबतक 3776 के पास तक पहुंच पाई है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना काल में बुजुर्गों से दुव्र्यवहार की घटनाएं काफी बढ़ी हैं। पुलिस ने ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए 112 हेल्पलाइन नंबर पर बुजुर्गों का पंजीकरण शुरू किया था। बड़ी संख्या में पंजीकरण हुए, मगर थाना पुलिस की कार्यप्रणाली के चलते योजना सफल नहीं हुई। पुलिस बुजुर्गों को कार्रवाई के नाम पर दौड़ाती है, आनलाइन पंजीकरण का काम भी ठप चल रहा है। बुजुर्गों के साथ हो रहे उत्पीड़न बयां करने के लिए नीचे दिए दो मामले काफी है, ऐसी ही यातना से न जाने कितने वृद्ध शिकार हो रहे हैं।
Case-1: नजीराबाद के कौशलपुरी में रहने वाले बाजपेयी जी अपने इकलौते बेटे और बहू से परेशान हैं। वह उन्हें प्रताडि़त करते हैं कि ऊबकर अपने खून पसीने की कमाई से बनाया हुआ घर उनके हवाले कर वृद्धाश्रम चले जाएं, मगर बाजपेयी जी ने हार नहीं मानी। उन्होंने डायल 112 की सवेरा योजना में पंजीकरण करा दिया है। बेटे बहू विवाद करते हैं तो अब वह सीधे 112 पर फोन मिलाते हैं और कुछ ही देर में पुलिस उनकी मदद को घर पहुंच जाती है। ऐसे में उनका जीवन अब पहले से बेहतर हो गया है।
Case-2: तिलक नगर के एक अपार्टमेंट में रहने वाले रोहतगी जी एक सरकारी महकमे में बड़े अफसर थे। कानपुर देहात के रहने वाले हैं। सेवानिवृत्त हुए तो पत्नी के साथ कानपुर में ही रहने लगे। बेटे बड़े हुए तो काम के सिलसिले में विदेश चले गए। अब घर पर अकेले पति-पत्नी हैं। रोहतगी जी ने सवेरा योजना में अपना पंजीकरण कराया है, ताकि रात या किसी मुसीबत के समय पुलिस से मदद लेकर जीवन रक्षा की जाए। फिलहाल वे निश्चिंत हैं कि किसी भी समस्या पर पुलिस उनकी मददगार बनेगी।
यह कहते हैं आंकड़
यूनाइटेड नेशन पापुलेशन फंड और हेल्पएज इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2025 तक देश में बुजुर्गों की संख्या 17.30 करोड़ हो जाएगी, जो 2050 में 34 करोड़ होगी यानी उस वक्त देश का हर पांचवा व्यक्ति बुजुर्ग होगा। मौजूदा समय में देश में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की संख्या आठ करोड़ है। हेल्पएज इंडिया की वर्ष 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक देश में हर चार में से एक बुजुर्ग दुव्र्यवहार का शिकार होता है। दिन पर दिन बढ़ते जा रहे वृद्धाश्रम बता रहे हैं कि समाज में बुजुर्गों की स्थिति कैसी है।
सवेरा बना बुजुर्गों का सहारा
पुलिस आयुक्त असीम अरुण बताते हैं कि घरों में अकेले बुजुर्ग अपराधियों के शिकार हो रहे हैं। सामाजिक तौर भी बुजुर्गों की हालत बेहद अच्छी नहीं है। इसके अलावा घर में अकेले रहने वाले बुजुर्ग बीमारी के शिकार भी हैं और उन्हें मदद चाहिए। इसीलिए उत्तर प्रदेश सरकार ने डायल 112 पर 29 अक्टूबर 2017 को सवेरा योजना शुरू की थी। इसमें बुजुर्ग को 112 पर फोन करके अपना नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज कराना होता है। बाद में पुलिस रिकार्ड को दर्ज करती है और फोन आने पर ऐसे बुजुर्गों को तत्काल मदद मुहैया कराई जाती है।
कोरोना ने रोकी रफ्तार
सवेरा योजना के तहत अब तक 6971 बुजुर्ग पंजीकरण करा चुके हैं। कोरोना के चलते पंजीकरण कम हुआ है। वहीं इनका सत्यापन भी सही ढंग से नहीं हो पाया है। 6971 में केवल 3776 का सत्यापन हो पाया है। रिकार्ड के मुताबिक रोजाना दो से तीन बुजुर्गों के फोन आते हैं। अधिकांश फोन अपनों के द्वारा दुव्र्यवहार के ही होते हैं।