कोर्ट ने दिए सहायक पुलिस आयुक्त पर कार्रवाई के आदेश, एक माह में बताएंगे कानपुर पुलिस कमिश्नर
कानपुर में विशेष न्यायाधीश की अदालत ने सहायक पुलिस आयुक्त पर कार्रवाई करने के आदेश जारी करते हुए एक माह में पुलिस कमिश्नर से जवाब मांगा है। बिना साक्ष्य जुटाए अपहरण की केस डायरी बनाने पर विवेचक कठघरे में है।
कानपुर, जेएनएन। बिना साक्ष्य जुटाए अपहरण का आरोप तय करने के मामले में विशेष न्यायाधीश एससीएसटी दयाराम ने विवेचक सहायक पुलिस आयुक्त महेंद्र सिंह देव के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। कार्रवाई के लिए एक माह का वक्त देते हुए पुलिस आयुक्त को पत्र भेजा गया है। इसी के साथ न्यायालय ने आरोपित युवक को जमानत दे दी।
काकादेव पुलिस ने एक युवती की तहरीर पर 26 मई 2021 को मारपीट और धमकी का मुकदमा दर्ज किया था। युवती का आरोप था कि गुरनीत ने उसके साथ मारपीट की। उसे जबरिया अपने घर ले गया, जहां जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। 28 मई को विवेचक ने इस मामले में अपहरण और एससीएसटी की धारा बढ़ा दी। गुरनीत की ओर से मंगलवार को जमानत अर्जी दाखिल की गई। तर्क दिया कि उसके युवती से अच्छे संबंध हैं। पुलिस ने बिना किसी जांच के अपहरण व एससीएसटी की धारा बढ़ा दी।
सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने कहा कि केस डायरी में अपहरण से संबंधित एक भी साक्ष्य नहीं है। पुलिस ने पीडि़ता के बयान तो दर्ज किए, लेकिन उन्हें कलमबंद नहीं कराया जो कि इस मामले में बेहद जरूरी था। एससीएसटी की धारा लगा दी, लेकिन उसके साक्ष्य भी एकत्रित नहीं किए। कोर्ट ने विवेचक से जवाब मांगा, लेकिन वह संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे सके। इस पर टिप्पणी करते हुए न्यायालय ने कहा कि विवेचक राजपत्रित अधिकारी हैं। ऐसे अधिकारी से विधिक प्रविधान के अनुरूप विवेचना की अपेक्षा होती है, लेकिन उन्होंने सतही विवेचना की है।