12 अप्रैल को रेवती नक्षत्र व मातंग योग में होगी सोमवती अमावस्या, भगवान विष्णु देंगे मनवांछित फल
ज्योतिष आचार्यों का मानना है कि सोमवती अमावस्या का पर्व रेवती नक्षत्र व मातंग योग में होने से खास इच्छाओं की पूर्ति होगी। अमृत योग में स्नान और भगवान विष्णु का पूजन करने से श्रद्धालु की सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी।
कानपुर, जेएनएन। स्नान, दान-पुण्य व देव दर्शन के लिए अहम मानी जाने वाली सोमवती अमावस्या का पुण्यकारी स्नान 12 अप्रैल को गंगा तटों पर होगा। रेवती नक्षत्र और मातंग योग में होने वाले स्नान पूजन से समस्त कष्टों का नाश होगा। सोमवती अमावस्या पर सुबह पांच से आठ बजे तक स्नान करने का विशेष मुहूर्त है।
धूनी ध्यान केंद्र के आचार्य डॉ. अमरेश मिश्र ने बताया कि सोमवती अमावस्या पर अमृत योग बन रहा है। गंगा स्नान करने के बाद दान और भगवान विष्णु का पूजन करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। आचार्य श्री के मुताबिक इस दिन अखंड सौभाग्य और लक्ष्मी प्राप्ति के लिए पीपल के वृक्ष पर दीप जलाकर 108 परिक्रमा करना लाभकारी माना जाता है। इससे समस्त कष्टों का विनाश होता है। उन्होंने बताया कि कोविड के चलते जो श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए न जा पाएं, वे घर पर ही मिट्टी के पात्र में तुलसी दल, अक्षत, कुश, बेलपत्र डालकर स्नान करेंगे तो उन्हें त्रिवेणी स्नान का फल मिलेगा।
गंगा स्नान पर लग सकता है ग्रहण : सोमवती अमावस्या पर इस बार कोविड के काले बादल छा सकते हैं। प्रशासन कोरोना केस की संख्या में वृद्धि होने के कारण इस पर रोक लगा सकता है।