दौलतपुर में पहले प्रशंसा पर पिटाई का आरोप, फिर बयान से पलट गया संन्यासी
घाटमपुर के दौलतपुर गांव में प्रवचन के बाद आश्रम में रात में साधु घायल मिले।
कानपुर, जेएनएन। घाटमपुर तहसील क्षेत्र के सजेती थाना अंतर्गत गांव दौलतपुर में मंदिर में पिटाई से घायल संन्यासी साधु ने पहले प्रशंसा करने पर नाराज लोगों द्वारा पीटने की शिकायत की लेकिन बाद में वह बयान से पलट गया। गुरुवार रात मंदिर में घुसे कुछ लोगों ने संन्यासी को लात-घूसों व डंडों से पीट दिया। एक ग्रामीण ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया।
40 वर्षीय मनोज बाबा गांव के हनुमान मंदिर में पूजा पाठ करते हैं। रात में वह गांव किनारे स्थित काली देवी मंदिर स्थित आश्रम में आ जाते हैं। गुरुवार शाम वह हनुमान मंदिर में आए भक्तों के मध्य भगवतचर्चा के बीच कुंभ में व्यवस्थाओं की प्रशंसा कर रहे थे।
रात करीब आठ बजे शयन आरती के बाद वह आश्रम आ गए। रात में कुछ लोगों ने उनकी पिटाई कर दी। सुबह घायल साधु को देखकर एक ग्रामीण ने अस्पताल में भर्ती कराया। तब उन्होंने प्रशंसा से नाराज कुछ लोगों द्वारा पिटाई करने का आरोप लगा पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया।
बाद में मनोज बाबा अपने बयान से पलट गए, गांव के कुछ लोगों ने उनके पेड़ से गिरने के बयान का वीडियो भी बनाया। पुलिस ने भी तहरीर में लकड़ी तोडऩे के दौरान पेड़ से गिरने से चेहरे व शरीर में चोंट आने तथा इलाज कराने को ले जाने वाले पर गुमराह कर तहरीर में अंगूठा लगवाने का आरोप लगाने के आधार पर एनसीआर दर्ज की।
पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई की लेकिन जख्मी मनोज बाबा का चिकित्सकीय परीक्षण नहीं कराया गया है। इस बारे में सजेती थाना प्रभारी अमरेंद्र बहादुर सिंह कहते हैं कि मनोज बाबा चिकित्सकीय परीक्षण कराने के लिए तैयार नहीं था।
40 वर्षीय मनोज बाबा गांव के हनुमान मंदिर में पूजा पाठ करते हैं। रात में वह गांव किनारे स्थित काली देवी मंदिर स्थित आश्रम में आ जाते हैं। गुरुवार शाम वह हनुमान मंदिर में आए भक्तों के मध्य भगवतचर्चा के बीच कुंभ में व्यवस्थाओं की प्रशंसा कर रहे थे।
रात करीब आठ बजे शयन आरती के बाद वह आश्रम आ गए। रात में कुछ लोगों ने उनकी पिटाई कर दी। सुबह घायल साधु को देखकर एक ग्रामीण ने अस्पताल में भर्ती कराया। तब उन्होंने प्रशंसा से नाराज कुछ लोगों द्वारा पिटाई करने का आरोप लगा पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया।
बाद में मनोज बाबा अपने बयान से पलट गए, गांव के कुछ लोगों ने उनके पेड़ से गिरने के बयान का वीडियो भी बनाया। पुलिस ने भी तहरीर में लकड़ी तोडऩे के दौरान पेड़ से गिरने से चेहरे व शरीर में चोंट आने तथा इलाज कराने को ले जाने वाले पर गुमराह कर तहरीर में अंगूठा लगवाने का आरोप लगाने के आधार पर एनसीआर दर्ज की।
पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई की लेकिन जख्मी मनोज बाबा का चिकित्सकीय परीक्षण नहीं कराया गया है। इस बारे में सजेती थाना प्रभारी अमरेंद्र बहादुर सिंह कहते हैं कि मनोज बाबा चिकित्सकीय परीक्षण कराने के लिए तैयार नहीं था।