समाज संवैधानिक व नैतिक नियम तोड़ने की स्वीकृति नहीं देता

राष्ट्रीय लेखन प्रतियोगिता पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 01:35 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 01:35 AM (IST)
समाज संवैधानिक व नैतिक नियम तोड़ने की स्वीकृति नहीं देता
समाज संवैधानिक व नैतिक नियम तोड़ने की स्वीकृति नहीं देता

जागरण संवाददाता, कानपुर : डा.सुजाता वर्मा स्मृति समिति की ओर से राष्ट्रीय लेखन प्रतियोगिता पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान लेखकों को पुरस्कृत किया गया। स्वछंद सोशल मीडिया : खतरे, कारण व निदान पुस्तक का विमोचन भी किया गया।

खलासी लाइन स्थित शास्त्री भवन में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि राज्यमंत्री नीलिमा कटियार ने कहा कि स्वछंदता का अर्थ मनमानी करना है। सभी सामाजिक, नैतिक और संवैधानिक नियमों को तोड़कर कार्य करना है। समाज इसको स्वीकृति नहीं देता। उन्होंने कहा कि भारत में मीडिया को लिखने की स्वतंत्रता है, उसे स्वछंदता से बचना चाहिए। इस मौके पर डा. सुरेश अवस्थी, डा.कमल मुसद्दी, लोकेश शुक्ल, सुरेश गुप्त राजहंस, भावना तिवारी, दिलीप दुबे ने काव्यपाठ किया। --------- विभा, सुनीता व मरियम को स्वर्ण पदक

राष्ट्रीय लेखन प्रतियोगिता पुरस्कार वितरण समारोह में वरिष्ठ वर्ग में मुंबई की सुनीता सिंह को श्याम सुंदर सचदेवा स्मृति तथा कनिष्ठ वर्ग में मरियम नजर को हर प्रकाश स्मृति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। सर्वोत्तम लेखन के लिए विभा पाठक को लक्ष्मी देवी स्मृति स्वर्ण पदक व नकद पुरस्कार दिया गया। मौसम राजपूत, वैष्णवी तिवारी को द्वितीय पुरस्कार, महिमा पांडेय, मिशब आलम को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। बीस अन्य प्रतिभागियों को भी प्रमाण पत्र दिए गए। डा.फिरोज आलम खान व केरल की डा. के.आशा को डा. सुजाता वर्मा उत्कृष्ट शिक्षाविद सम्मान प्रदान किया गया। प्राची द्विवेदी व मोहिनी तिवारी को तेजस्वी मेधा सम्मान से अलंकृत किया गया। प्रतियोगिता में विभिन्न राज्यों के 60 प्रतियोगी शामिल हुए थे। निर्णायक मंडल में सरन पी वर्मा, डा. निशी प्रकाश व राकेश सिंह रहे।

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