कानपुर के जिला समाज कल्याण अधिकारी सस्पेंड, अपात्रों को दिया था शादी अनुदान योजना का लाभ

शहर में सामने आए फर्जीवाड़े में योजना के 1500 से ज्यादा लाभार्थियों के आय प्रमाण पत्रों को रद किए जाने का निर्णय लिया गया था। साथ ही इन अपात्रों में जो अनुसूचित जाति और पिछड़ी जाति के हैं उनके जाति प्रमाण पत्र भी रद किए जाएंगे।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 06:10 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 06:10 AM (IST)
कानपुर के जिला समाज कल्याण अधिकारी सस्पेंड, अपात्रों को दिया था शादी अनुदान योजना का लाभ
कानपुर के जिला समाज कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह पर वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप हैं।

कानपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के कानपुर में शादी अनुदान में लेखपालों द्वारा किया गया बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था। जिसमें शुरुआत में सिर्फ पांच लोगों के ही अपात्र होने की बात सामने आई थी। धीरे-धीरे जब डीडीओ द्वारा जांच की गई थी तब 50 में 44 अपात्र मिले। वहीं, विकास भवन से जुड़े एक अन्य अधिकारी की जांच में 50 में से 25 लाभार्थी अपात्र पाए गए थे। इस तरह जांच कर रहे कई अधिकारियों को उनकी जांच में अपात्र मिले। तमाम ऐसे अपात्र भी थे जिनके पते नहीं मिल रहे थे। ऐसे में कई अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही थी। इसी के तहत प्रदेश सरकार ने कानपुर के जिला समाज कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह को निलंबित कर दिया है। उन पर शादी अनुदान योजना एवं राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में अपात्रों को लाभ पहुंचाने सहित वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप हैं। उन्हें निदेशालय से संबंद्ध करते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। 

डीएम ने दो दिन पूर्व मांगी थी सूची: शहर में सामने आए फर्जीवाड़े में योजना के 1500 से ज्यादा लाभार्थियों के आय प्रमाण पत्रों को रद किए जाने का निर्णय लिया गया था। साथ ही इन अपात्रों में जो अनुसूचित जाति और पिछड़ी जाति के हैं, उनके जाति प्रमाण पत्र भी रद किए जाएंगे। इस पूरे मामले में जो भी दोषी लेखपाल और कानूनगो हैं, उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की बात अब तक सामने आ रही थी। फिलहाल डीएम ने एडीएम वित्त एवं राजस्व और एसडीएम सदर से दोषियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने का आदेश देकर उनके नाम की सूची मांगी है।

समाज कल्याण अधिकारी पर हुई कार्रवाई: प्रमुख सचिव के.रविंद्र नायक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अमरजीत सिंह ने शासकीय धन का दुरुपयोग करने के साथ ही अधीनस्थ कर्मचारियों से अनुचित व्यवहार किया है। आहरण-वितरण अधिकारी के रूप में भी उन्होंने वित्तीय नियमों की अनदेखी की है। शादी अनुदान योजना का लाभ ऐसे लोगों को दे दिया, जो इसके पात्र भी नहीं थे। उन्हें निलंबित करते हुए समाज कल्याण निदेशालय से संबद्ध कर दिया गया है। उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति भी कर दी गई है। 

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