कानपुर में पकड़ी गई खंडवा की पिस्टल बनी अपराधियों की पहली पसंद, जानिए क्या है इसकी वजह

अवैध असलहा के तस्कर की गिरफ्तारी के बाद पड़ताल में सामने आया है कि अपराधी अब एमपी के खंडवा की बनी पिस्टल मंगा रहे हैं। यह पिस्टल मुंगेर से कम दाम में मिलती है और फिनिशिंग भी उससे ज्यादा अच्छी पाई जा रही है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 04:33 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 04:33 PM (IST)
कानपुर में पकड़ी गई खंडवा की पिस्टल बनी अपराधियों की पहली पसंद, जानिए क्या है इसकी वजह
अवैध असलहों का बाजार फिर गर्म होने लगा है।

 कानपुर, आशीष पांडेय। अवैध पिस्टल की बात हो तो सबसे पहले जेहन में बिहार के मुंगेर का नाम आता है। हालांकि, अब मुंगेर के अलावा मध्य प्रदेश के खंडवा की पिस्टल भी अवैध असलहों के बाजार में खास जगह बना चुकी है। खंडवा में अवैध ढंग से निर्मित पिस्टल की मांग अपराधियों के बीच ज्यादा है। कारण, यह पिस्टल मुंगेर वाली से कम दाम में मिलती है और फिनिशिंग अच्छी है। खंडवा निर्मित पिस्टल भी प्रतिबंधित .32 बोर की होती है।  

प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। चुनावी माहौल आते ही अवैध असलहों के बाजार फिर तेजी पकड़ रहा है। बड़े पैमाने पर अवैध रूप से निर्मित किए गए असलहों की मांग बढ़ गई है। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के हत्थे चढ़े तस्कर के पास भी प्रतिबंधित .32 बोर की खंडवा निर्मित पिस्टल बरामद हुई है। उल्लेखनीय है कि एक अक्टूबर की रात बर्रा दो सब्जीमंडी चौराहे पर कानपुर देहात के सपा युवजन सभा उपाध्यक्ष दामोदर नगर निवासी 19 वर्षीय हर्ष यादव की गोली मारकर हत्या की गई थी। हत्यारोपित बर्रा दो निवासी सपा कानपुर ग्रामीण के जिला सचिव शिवेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया गया था। हत्या में प्रयुक्त पिस्टल बरामद हुई थी। वह पिस्टल भी खंडवा की ही थी।    

रूस में बनी पिस्टल के हैं कारतूस : एटीएस इंस्पेक्टर पंकज अवस्थी ने बताया कि आरोपितों के पास से 20 कारतूस 7.62&.25 बोर के हैं। इस बोर का कारतूस सेल्फ लोडिंग राइफल (एसएलआर) में इस्तेमाल होता है और प्रतिबंधित कारतूस की श्रेणी में आता है। छानबीन में पता चला है कि इसे रूस में पिस्टल बनाने वाली फैक्ट्री इस बोर के कारतूस भी निर्मित करती है। देश में इस बोर के कारतूस किसी भी आयुध निर्माणी में नहीं बनाए जाते हैं। एसएलआर से मिलते-जुलते बोर का कारतूस होने के कारण प्रतिबंधित बोर की कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि पुराने लाइसेंस धारकों के पास .30 बोर का माउजर है। उसके कारतूस भी विदेश में मिलते हैं। .30 बोर के कारतूस लाइसेंस धारक सरकार से अनुमति लेकर मंगवाते हैं।

पसंद की यह है वजह:  खंडवा में अवैध ढंग से निर्मित पिस्टल की मांग अपराधियों के बीच ज्यादा है। कारण, यह पिस्टल मुंगेर वाली से कम दाम में मिलती है और फिनिशिंग अच्छी है। खंडवा निर्मित पिस्टल भी प्रतिबंधित .32 बोर की होती है।   

कस्टडी रिमांड के लिए आवेदन : इंस्पेक्टर ने बताया कि अभी समय से फर्द तैयार करके आरोपित को जेल भेजना था। इसलिए बहुत अधिक पूछताछ नहीं की जा सकी है। बुधवार को ही आरोपित को कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए आवेदन किया था, लेकिन मिला नहीं। अब गुरुवार को फिर से आवेदन कर उसे कस्टडी रिमांड पर लिया जाएगा।

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