पालीटेक्निक में डिप्लोमा संग ले सकेंगे लघु विशेषज्ञता प्रमाण पत्र, पढ़ाई छोडऩे का फीसद होगा कम

प्राविधिक शिक्षा निदेशालय ने नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए तैयार किया है। इस पर जल्द ही तकनीकी सदस्यों की कमेटी की बैठक होगी जिस पर सहमति मिलते ही शासन को भेजा जाएगा। इसमें मैकेनिकल इलेक्ट्रानिक्स कंप्यूटर साइंस सिविल इंजीनियरिंग के विषयों को शामिल किया गया है।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 03:05 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 03:05 PM (IST)
पालीटेक्निक में डिप्लोमा संग ले सकेंगे लघु विशेषज्ञता प्रमाण पत्र, पढ़ाई छोडऩे का फीसद होगा कम
वह आगे चल कर उस पर भी अपनी दक्षता कायम कर सकेंगे

कानपुर, जेएनएन। पालीटेक्निक में डिप्लोमा संग छात्र-छात्राएं लघु विशेषज्ञता प्रमाण पत्र ले सकेंगे। उन्हेंं अपनी ब्रांच से इंजीनियरिंग करने साथ ही दूसरी ब्रांच के विषयों को पढऩे का मौका मिलेगा। यह प्रारूप प्राविधिक शिक्षा निदेशालय ने नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए तैयार किया है। इस पर जल्द ही तकनीकी सदस्यों की कमेटी की बैठक होगी, जिस पर सहमति मिलते ही शासन को भेजा जाएगा। इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रानिक्स, कंप्यूटर साइंस, सिविल इंजीनियरिंग के विषयों को शामिल किया गया है।

मैकेनिकल का छात्र इलेक्ट्रानिक्स, कंप्यूटर साइंस, सिविल में से किसी एक को माइनर स्ट्रीम के रूप में ले सकेगा। इससे छात्र को मैकेनिकल इंजीनियरिंग के साथ ही संबंधित विषयों में से माइनर स्पेशलाइजेशन का डिप्लोमा मिलेगा। इसी तरह से इलेक्ट्रानिक्स, कंप्यूटर साइंस और सिविल के छात्र तीनों ब्रांच में से किसी एक का प्रमाण पत्र ले सकेंगे। प्राविधिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि इस तरह से छात्रों को अपनी ब्रांच संग दूसरी ब्रांच के महत्वपूर्ण विषय का प्रमाण पत्र मिल जाएगा। वह आगे चल कर उस पर भी अपनी दक्षता कायम कर सकेंगे।

ड्राप आउट फीसद होगा कम : निदेशालय के अधिकारी संस्थानों में पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों के ड्राप आउट (पढ़ाई छोडऩा) फीसद को कम करने की तैयारी में हैं। मौजूदा समय में 3.08 फीसद छात्र-छात्राएं बीच में ही पढ़ाई छोड़ दे रहे हैं। इसको एक फीसद तक लाने के लिए काम किया जाएगा।

एक साल का अंतर मान्य : पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों के पढ़ाई छोडऩे का अंतर केवल एक ही वर्ष का रहेगा। इससे अधिक को मान्य नहीं किया जाएगा। छात्र एक साल बाद भी पढ़ाई कर सकेंगे। उनके पहले या दूसरे वर्ष में की गई पढ़ाई को माना जाएगा।

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