Corona curfew से कानपुर में हालात हो गए इतने खराब कि लोग सूद पर पैसा लेकर चला रहे अपना घर

वकालत ऐसा पेशा है जिसमें वकील रोज कुआं खोदता है और रोज पानी पीता है। शहर के बड़े वकीलों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर अधिवक्ताओं के लिए कुछ दिन वकालत न चलना भी परेशानी का सबब बन जाता है। मार्च 2020 से कोविड संक्रमण चल रहा है।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 06:10 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 06:10 AM (IST)
Corona curfew से कानपुर में हालात हो गए इतने खराब कि लोग सूद पर पैसा लेकर चला रहे अपना घर
एक अधिवक्ता ने तो अपना मकान तक बेचने के लिए लोगों से बातचीत शुरू कर दी

कानपुर, जेएनएन। Corona curfew के चलते सब कुछ बंद है। ऐसे में वकीलों की वकालत भी नहीं चल रही है। वकालत बंद होने से फीस भी नहीं मिल रही है। ऐसे में कई वकील परेशान हैं। पारिवारिक स्थितियां बिगड़ती देख परिवार चलाने के लिए सूद पर पैसा ले रहे हैं। यहां तक कि एक अधिवक्ता ने तो अपना मकान तक बेचने के लिए लोगों से बातचीत शुरू कर दी है।

वकालत ऐसा पेशा है, जिसमें वकील रोज कुआं खोदता है और रोज पानी पीता है। शहर के बड़े वकीलों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर अधिवक्ताओं के लिए कुछ दिन वकालत न चलना भी परेशानी का सबब बन जाता है। मार्च 2020 से कोविड संक्रमण चल रहा है। बीच में कुछ माह के लिए परिस्थितियां सुधरीं लेकिन मार्च 2021 से फिर वायरस ने हाहाकार मचा दिया, जिसके चलते हाईकोर्ट के आदेश के बाद न्यायालय भी बंद कर दिए गए हैं। वर्चुअल कोर्ट चल रही हैं वह भी गिनी चुनी। इसमें भी जमानत और अत्यधिक जरूरी केस सुने जा रहे हैं जिनकी संख्या ही पांच दस से ज्यादा नहीं होती।

बता दें कानपुर बार एसोसिएशन से करीब सात हजार वकील जुड़े हैं और वकालत के पेशे में हैं। कोविड संक्रमण के चलते अब वकील परेशान होने लगे हैं। वकीलों की मदद के लिए पिछली बार यूपी बार काउंसिल आगे आया था लेकिन इस बार तो किसी ने कोई बात ही नहीं की। ऐसे में मदद के अभाव में वकील तीन से पांच फीसद सूद पर पैसा लेकर घर खर्च चला रहे हैं।

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