Anti Sikh Riots Case: पंजाब में एसआइटी ने दर्ज किए पीड़ितों के बयान, सामने आए कुछ और दंगाइयों के नाम

सिख विरोधी दंगा के समय कानपुर के दबौली में पांच लोगों की हत्या के मामले में एसआइटी ने पंजाब जाकर पीडि़त परिवार की दो महिलाओं समेत तीन लोगों से पूछताछ की तो कुछ और दंगाइयों का पता लगा है। अब शपथपत्र विवेचना में शामिल किए जाएंगे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 09:48 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 09:48 AM (IST)
Anti Sikh Riots Case: पंजाब में एसआइटी ने दर्ज किए पीड़ितों के बयान, सामने आए कुछ और दंगाइयों के नाम
एसआइटी कर रही सिख विरोधी दंगे की जांच।

कानपुर, जेएनएन। सिख विरोधी दंगे के दौरान दबौली के तीन परिवारों के पांच व्यक्तियों की हत्या के मामले में पंजाब गई एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) ने वहां मृतकों के तीन आश्रितों से पूछताछ की है। दो मामले में मुकदमे के वादी भी मिले हैं। एक महिला ने कुछ दंगाइयों के बारे में भी जानकारी दी है। जल्द ही शपथपत्र लेकर एसआइटी इन दंगाइयों के नाम केस डायरी में शामिल करेगी।

दंगे के दौरान दबौली में एक परिवार से सरदार भगवान सिंह, दूसरे परिवार में करन सिंह व उनकी पत्नी सतवंत कौर और तीसरे परिवार में तेज सिंह व उनके बेटे सतपाल की हत्या हुई थी। दिवंगत भगवान सिंह की पत्नी सुरिंदर कौर पंजाब के बटाला शहर में रहती हैं और मुकदमे की वादी हैं। करन सिंह का परिवार जालंधर में रहता है। तेज सिंह के बेटे चरनजीत सिंह भी जालंधर में रहते हैं। पिछले वर्ष नवंबर में एसआइटी ने पंजाब जाकर कुछ आश्रितों से पूछताछ की थी। इस बार सुरिंदर कौर और दिवंगत करन सिंह के बेटे दिलावर सिंह, बेटी सतवंत कौर समेत पांच लोगों के बयान होने थे।

दो दिन पूर्व एसआइटी के दारोगा सुनील कनौजिया व पुनीत फिर से पंजाब रवाना हुए। बुधवार को उन्होंने सुरिंदर कौर से बात की। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कुछ और दंगाइयों के नाम बताए हैं। उन्होंने बताया कि एक नवंबर 1984 की सुबह भीड़ ने अचानक हमला कर दिया था। उन्होंने बाकी स्वजन के साथ पड़ोसियों के घर छिपकर जान बचाई थी। दिलावर सिंह ने भी पूरी घटना बताई। कहा कि वह दिन कभी नहीं भूलता, जब दंगे से पूरा परिवार बिखर गया था।

एसआइटी के एसपी बालेंदु भूषण ने बताया कि एक मुकदमे में वादी सुरिंदर कौर और दूसरे में दिलावर सिंह हैं। दिलावर व उनकी बहन तलविंदर कौर के भी बयान हो गए हैं। घटना के वक्त तलविंदर महज आठ साल की थी, लेकिन दिलावर बड़े थे। उन्होंने आंखों देखी घटना बताई है। पीडि़तों से शपथपत्र भी लिए जा रहे हैं। कोर्ट में बयान कराने के बाद तीनों मामलों में भी चार्जशीट का काम पूरा हो जाएगा।

chat bot
आपका साथी