आइएएस इफ्तिखारुद्दीन प्रकरण में एसआइटी ने कानपुर में दस दिन तक खंगाले तथ्य, जल्द दे सकती शासन को रिपोर्ट
कानपुर में मंडलायुक्त आइएएस इफ्तिखारुद्दीन प्रकरण में गठित विशेष जांच दल की टीम साक्ष्य संकलित करके लखनऊ लौट गई है। कानपुर में 10 दिनों से जांच के दौरान 80 से ज्यादा वीडियो मिले और तथ्यों भी जुटाए ।
कानपुर, जेएनएन। पूर्व मंडलायुक्त मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन से जुड़ी एसआइटी (विशेष जांच दल) की रिपोर्ट जल्द ही शासन को सौंपी जा सकती है। 10 दिनों से कानपुर में रहकर जांच रिपोर्ट तैयार करने में लगी टीम के लखनऊ वापस लौटने से यह संकेत मिले हैं। वायरल वीडियो के साथ ही जांच टीम मतांतरण को लेकर लगे आरोपों की जांच भी कर रही है।
पिछले दिनों वरिष्ठ आइएएस और वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के कुछ वीडियो वायरल हुए थे, जिसमें वह धार्मिक तकरीरें करते दिख रहे थे। दावा था कि यह तकरीरें मंडलायुक्त आवास की हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन ने सीबीसीआइडी के महानिदेशक (डीजी) जीएल मीणा के नेतृत्व में दो सदस्यीय एसआइटी का गठन किया था। एसआइटी के दूसरे सदस्य कानपुर के एडीजी भानु भाष्कर हैं। एसआइटी को अब तक की जांच में 80 से ज्यादा वीडियो मिले हैं, इसके अलावा करीब 30 लोगों के बयान एसआइटी ने दर्ज किए हैं। रिपोर्ट सात दिनों में दाखिल होनी थी, मगर मतांतरण कराने का तथ्य सामने आने के बाद एसआइटी ने उसको भी संज्ञान लिया। इसकी वजह से जांच रिपोर्ट अब तक दाखिल नहीं हो सकी है ।
अधिकारियों के मुताबिक एसआइटी की जांच में करीब दो दर्जन पुलिस कर्मी लगाए गए थे। एक टीम लखनऊ से भी आई थी, जिसने एडीजी कार्यालय में डेरा डाला था। इसी टीम ने सभी 80 वीडियो लिपिबद्ध किए। इसके अलावा पूर्व मंडलायुक्त द्वारा द्वारा लिखे गए साहित्य का एक-एक पन्ना पढ़ा और विवादास्पद बातों का संकलन किया। मतांतरण के तीन मामले कल्याणपुर सीटीएस बस्ती, कल्याणपुर के एक गांव और ग्वालटोली में प्रकाश में आए हैं। एसआइटी इसकी भी जांच कर रही है। इस टीम के सभी सदस्य सोमवार को वापस लौट गए। माना जा रहा है कि रिपोर्ट तैयार है और डीजी सीबीसीआइडी इसे अंतिम रूप देंगे।