एसआइटी को संदेह, आइएएस इफ्तिखारुद्दीन ने कानपुर में कराए थे मतातंरण, अब तलाश रही पीड़ित परिवार
कानपुर के पूर्व मंडलायुक्त और राज्य सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के धार्मिक कट्टरता वाली तकरीरों से जुड़े वायरल वीडियो को लेकर जांच कर रही एसआइटी मतांतरण कराने की भी आशंका सामने आई है पीडि़त परिवारों की तलाश कर रही है।
कानपुर, जेएनएन। कानपुर के पूर्व मंडलायुक्त और वर्तमान में राज्य सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के खिलाफ एसआइटी (विशेष जांच दल) जांच पूरी होने में अभी और वक्त लगेगा। इसके पीछे कारण यह है कि एसआइटी की जांच में यह भी आशंका सामने आई है कि अपने कार्यकाल में पूर्व मंडलायुक्त ने कानपुर में मतांतरण कराए थे। एसआइटी को बयान देने वाले लोगों ने इस तरह की आशंका भी जताई है। एसआइटी उन परिवार की तलाश में हैं, जिनके यहां किसी सदस्य का मतांतरण कराया गया। इसी वजह से एसआइटी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए जांच टीम ने और वक्त मांगा है।
मंडलायुक्त आवास पर तकरीरें करने के पूर्व मंडलायुक्त के वीडियो वायरल होने पर उनके खिलाफ जांच कर एसआइटी को सात दिनों में रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया था। जांच 30 सितंबर से शुरू हुई थी। रविवार को जांच में 11 दिन बीत चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि एसआइटी के समक्ष दर्ज हुए बयानों में मतांतरण के खेल में भी पूर्व मंडलायुक्त की संलिप्तता की आशंका जताई गई है।
मठ मंदिर समन्वय समिति के संयोजक व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भूपेश अवस्थी ने बताया कि उन्होंने भी एसआइटी को जानकारी दी है इफ्तिखारुद्दीन ने कानपुर में कई मतांतरण कराए हैं। हालांकि, उनके पास केवल दो ही मामलों की ही सूचना है। एक कल्याणपुर क्षेत्र का मामला है, जबकि दूसरा ग्वालटोली का। मतांतरण का जिन्न सामने आने के बाद अब एसआइटी इससे जुड़े आरोपों को भी खंगलाना चाहती है। एसआइटी सूत्रों के मुताबिक सोमवार को टीम उन लोगों के परिवारों से संपर्क कर सकती है, जिनके मतांतरण की आशंका जताई जा रही है। चर्चा है कि कल्याणपुर में जिस युवक का नाम सामने आया है, पूर्व मंडलायुक्त ने उसे मदरसे का जिम्मेदारी सौंपी जो शहर में स्थित है। आरोप है, इस मदरसे से भी मतांतरण का खेल खेला जा रहा है।
मुस्लिम धर्म को बताया सनातन धर्म : मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन ने अपनी किताबों में सनातन धर्म को लेकर भी काफी कुछ लिखा है। एक जगह मुस्लिम धर्म को ही सनातन धर्म बताया है। लिखा है कि तौहीद अर्थात शुद्ध सनातन धर्म का मूल आधार है। इस तरह से उन्होंने इस्लाम को ही सनातन धर्म माना है।