असलहा लाइसेंस फर्जीवाड़े की SIT ने शुरू की जांच, ADM CITY और सिटी मजिस्ट्रेट के साथ हुई बैठक

शातिर अपराधी विकास दुबे की पुलिस मुठभेड़ में मौत के बाद शासन ने एसआइटी जांच कराई थी। एसआइटी की जांच में ही विकास और उसके सहयोगियों के असलहा लाइसेंस के लिए लगाए गए शपथपत्र गड़बड़ पाए गए थे। शासन ने समस्त असलहा लाइसेंस की जांच के आदेश दिए थे।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 07:02 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 07:02 PM (IST)
असलहा लाइसेंस फर्जीवाड़े की SIT ने शुरू की जांच, ADM CITY और सिटी मजिस्ट्रेट के साथ हुई बैठक
एसआइटी ने एडीएम सिटी अतुल कुमार और सिटी मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता के साथ बैठक की

कानपुर, जेएनएन। असलहा लाइसेंस में हुए फर्जीवाड़े की जांच एसआइटी ने शुरू कर दी है। शनिवार को एसआइटी की टीम आइपीएस अफसर देव रंजन वर्मा के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पहुंची और एडीएम सिटी और सिटी मजिस्ट्रेट के साथ बैठक की। असलहा अनुभाग जाकर फाइलों को देखा। यह जानने का प्रयास किया कि आखिर फर्जीवाड़ा कैसे हुआ।

शातिर अपराधी विकास दुबे की पुलिस मुठभेड़ में मौत के बाद शासन ने एसआइटी जांच कराई थी। एसआइटी की जांच में ही विकास और उसके सहयोगियों के असलहा लाइसेंस के लिए लगाए गए शपथपत्र गड़बड़ पाए गए थे। इसके बाद शासन ने समस्त असलहा लाइसेंस की जांच के आदेश दिए थे। जिलाधिकारी आलोक कुमार ने चार एसीएम और आधा दर्जन कर्मचारी लगाकर 26 हजार लाइसेंस की जांच कराई तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए। पाया गया कि करीब पांच हजार लाइसेंस में गड़बड़ी हुई है। दो हजार लाइसेंस ऐसे थे जिन पर हस्ताक्षर तो हैं, लेकिन स्वीकृति या अनुमोदित शब्द नहीं लिखा है।

दो सौ फाइलें एडीएम स्तर से स्वीकृत कर दी गईं, जबकि किसी भी डीएम ने इन फाइलों को स्वीकृत करने के लिए अधिकृत ही नहीं किया था। इतना ही नहीं शेष फाइलों में तो स्वीकृत और अनुमोदित लिखा था, लेकिन उस पर हस्ताक्षर किसके हैं यह नहीं अंकित है। यही वजह है कि डीएम आलोक तिवारी ने प्रमुख सचिव गृह और सचिव मुख्य मंत्री को पत्र लिखकर मामले की जांच एसआइटी से कराने के की संस्तुति की। इस पत्र के आधार पर ही शासन ने एसआइटी जांच का निर्णय लिया और अब जांच शुरू हो गई है तो दूध का दूध पानी का पानी होने की उम्मीद जगी है। एसआइटी ने एडीएम सिटी अतुल कुमार और सिटी मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता के साथ बैठक की।

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