चांदी कारोबारी को आरटीजीएस से भुगतान के देने होंगे साक्ष्य, छावनी में रायबरेली के युवक के पास मिले थे 19 किलो जेवर
बुधवार को एडीसीपी पूर्वी सोमेंद्र मीणा ने छावनी में लाल कोठी के पास बिना नंबर की कार रोकी थी। इसे लालगंज रायबरेली निवासी शैलेंद्र गुप्ता चला रहे थे। कार की तलाशी में 19.5 किलो चांदी के जेवर मिले थे। इसकी कीमत तकरीबन 10.56 लाख रुपये है।
कानपुर, जेएनएन। आयकर अधिकारियों ने 19.5 किलो चांदी के जेवर मामले में कारोबारी से रीयल टाइम ग्रास सेटलमेंट (आरटीजीएस) के साक्ष्य मांगे हैं। इस काम में दो दिन लग सकते हैं, तब तक के लिए आयकर अधिकारियों ने चांदी पुलिस कस्टडी में दे दी है।
बुधवार को एडीसीपी पूर्वी सोमेंद्र मीणा ने छावनी में लाल कोठी के पास बिना नंबर की कार रोकी थी। इसे लालगंज, रायबरेली निवासी शैलेंद्र गुप्ता चला रहे थे। कार की तलाशी में 19.5 किलो चांदी के जेवर मिले थे। इसकी कीमत तकरीबन 10.56 लाख रुपये है। मामला संदिग्ध लगने पर पुलिस ने आयकर विभाग को सूचना दी थी। आयकर जांच निदेशालय के अधिकारियों ने मामले की जांच की। उस कारोबारी को भी बुला लिया, जिसने चौक बाजार में जेवर बेचे थे। कारोबारियों ने इसका बिल भी पेश किया। इसमें केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर (सीजीएसटी) व राज्य माल एवं सेवाकर (एसजीएसटी) भी काटा गया था। कारोबारी ने बताया कि बिल का भुगतान आरटीजीएस से किया था। आयकर अधिकारियों ने इसके साक्ष्य मांगे हैं। आयकर अधिकारियों के मुताबिक अगर वास्तव में भुगतान आरटीजीएस के जरिए हुआ है तो ट्रांजेक्शन सही है, यदि भुगतान नकद हुआ तो आगे की जांच की जाएगी। यदि मामला गलत मिला तो आयकर विभाग टैक्स व पेनाल्टी लगा सकता है। पुलिस मामले में अन्य बिंदुओं भी जांच कर रही है।