Karwachauth Special: 35 हजार रुपये का है एक करवा, कानपुर में करोड़ों का है कारोबार
करवाचौथ पर वैसे तो मिट्टी के करवा से पूजन की परंपरा रही है लेकिन बीते कई वर्षों से पीतल और चांदी के करवा की मांग बढ़ने से करोड़ों का कारोबार हो गया है। बाजार में पीतल और चांदी की थाली भी बिक्री के लिए उपलब्ध है।
कानपुर, [जागरण स्पेशल]। देश में सुहागिनों के लिए करवाचौथ पर्व सबसे बड़ा त्योहार होता है, पति की लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना के लिए खास पूजन का विधान है। चांद का दीदार कर अर्घ्य देने की रीति के लिए सुहागिन करवा का प्रयोग करती हैं। वैसे तो मिट्टी के करवा का पूजन किया जाता रहा है लेकिन समृद्ध परिवार की महिलाओं में पीतल और चांदी के करवा से पूजन करने की खास चाहत रहती है। यही वजह है कि कानपुर के बाजार में करवा बाजार में भी बड़ा कारोबार है, यहां से पड़ोसी कई जनपदों में करवा बिक्री के लिए भेजे जाते हैं। हर साल करोड़ों का कारोबार करने वाला करवा बाजार में इस बार 35 हजार रुपये कीमत का भी करवा उपलब्ध है।
पूजा में चांदी के करवा का क्रेज
यूं तो हमेशा से मिट्टी के करवा में पूजा होती चली आई है लेकिन अब कुछ वर्षों से चांदी के करवा में भी पूजा शुरू हो गई है। इसके अलावा पीतल के करवा भी बाजार में हैं। मिट्टी के करवा 25 से 100 रुपये के बीच हैं। इनकी बिक्री ही सबसे ज्यादा है। बाजारों में सड़क किनारे और गलियों में ठेलों पर इनकी बिक्री भी शुरू हो गई है। दूसरी ओर बर्तन बाजार में पूरे वर्ष के बाद एक बार फिर पीतल के करवा निकल आए हैं। हटिया, भूसाटोली बर्तन बाजार हो या लालबंगला का बाजार सभी जगह चमचमाते पीतल के करवा दुकानों के बाहर से ही नजर आ रहे हैं। ये प्रति पीस के हिसाब से भी बिक रहे हैं और तौल के हिसाब से भी। बर्तन कारोबारी आशीष के मुताबिक इनकी कीमत 700 रुपये से 950 रुपये प्रति पीस है। वहीं तौल में ये 600 रुपये से 1,000 रुपये प्रति किलो में बिक रहे हैं।
चांदी और पीतल की थाली और कटोरी की भी मांग
करवा पर रखने के लिए 50 रुपये से 250 रुपये के बीच पीतल की कटोरियां हैं। ये प्लेन भी हैं और नक्काशीदार भी। इसके अलावा पीतल के दीये भी खरीदे जा रहे हैं। ये भी 50 रुपये से 150 रुपेय के बीच हैं। इन सबसे हटते हुए इस समय चांदी के करवा भी महिलाओं की पसंद में शामिल होते जा रहे हैं। 100 ग्राम से लेकर 500 ग्राम तक के वजन में ये करवा हैं।
इनकी कीमत 5,000 रुपये से 35,000 रुपये के बीच है। चांदी के बर्तनों की बिक्री करने वाले कारोबारियों के पास इनकी खरीदारी के लिए भीड़ जुट रही है। कारोबारियों के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों में इसकी बिक्री में वृद्धि हो रही है। बिरहाना रोड, चौक व नया गंज के सराफा बाजार में ही ये मिल रहे हैं। कारोबारियों के अनुसार इस वर्ष करीब डेढ़ टन चांदी के करवा बिकने की उम्मीद है। अकेले चांदी के करवा की 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिक्री की उम्मीद है।