Krishna Janmashtami 2020: 12 साल से कान्हा अकेले मना रहे जन्मदिन, थाने से नहीं हो सकी राधारानी की रिहाई

घाटमपुर के भदरस गांव में ठाकुरद्वारा गांव में भगवान श्रीकृष्ण बिना राधारानी अकेले ही अपना जन्मदिन मना रहे हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 11:58 AM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 01:45 PM (IST)
Krishna Janmashtami 2020: 12 साल से कान्हा अकेले मना रहे जन्मदिन, थाने से नहीं हो सकी राधारानी की रिहाई
Krishna Janmashtami 2020: 12 साल से कान्हा अकेले मना रहे जन्मदिन, थाने से नहीं हो सकी राधारानी की रिहाई

कानपुर, [जागरण स्पेशल]। प्रेम का सही अर्थ बोध कराने वाले कान्हा काे कलियुग में राधारानी से मिलन का इंतजार है क्योंकि राधारानी पुलिस के पहरे में फंसी हैं। द्वापरयुग में कंस का वध करके माता देवकी और पिता वासुदेव को कैद से रिहा कराने वाले श्रीकृष्ण की राधारानी आज कोतवाली में कैद हैं। बारह बरस से कान्हा का जन्मदिन राधारानी के बगैर ही मनाया जा रहा है।

कानपुर के घाटमपुर के गांव भदरस स्थित ठाकुरद्वारा में कान्हाजी इस बार भी अकेले ही अपना जन्मदिन मनाएंगी, बुधवार रात जन्माष्टमी पर राधारानी के बगैर ही उनकी पूजा होगी। दरअसल, 11 फरवरी, 2008 को प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर का ताला तोड़कर चोर अष्टधातु की करीब 80 किग्रा वजन की राधाजी समेत कई मूर्तियां चोरी कर ले गए थे। मंदिर के सर्वराकर प्रकाश चंद्र खरे ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक डोरी लाल गौतम ने पंद्रह दिन के अंदर नौबस्ता श्याम बिहार दामोदरनगर निवासी श्यामंजी गुप्ता, सोनू चिकना उर्फ विनोद मिश्र, गांव बलहापारा निवासी अंकुर सिहं उर्फ राजे, कल्याणपुर गांव धानीखेड़ा निवासी अमित कुशवाहा, बिधनू इमलीपुर निवासी दिनेश प्रजापति तथा चमनगंज के मोहल्ला प्रेमनगर निवासी सर्राफ मोहम्मद हसीन को गिरफ्तार करके राधारानी समेत अन्य मूर्तियां बरामद कर ली थीं। मूर्तियों को मालखाने में रखे जाने के साथ ही आरोपितों को जेल भेज दिया गया था।

कुछ दिन बाद आरोपित कोर्ट से जमानत पर रिहा हो गए थे लेकिन राधारानी को आज तक मालखाने की कैद से रिहाई नहीं मिल सकी है। मंदिर में बारह साल से श्रीकृष्ण अकेले ही जन्मदिन मना रहे हैं और राधारानी की रिहाई का इंतजार कर रहे हैं। राधारानी की मूर्ति कोतवाली से रिलीज न होने पाने के पीछे ग्रामीण मंदिर प्रबंधन की भी लापरवाही को मानते हैं।

पूर्व ग्राम प्रधान जय नारायण यादव बताते हैं कि कई बार सर्वराकार प्रकाश चंद्र खरे से राधाजी की मूर्ति रिलीज कराने के लिए प्रस्ताव किया। मूर्ति अष्टधातु की होने के चलते सुरक्षा को लेकर चिंतित सर्वराकार ने कोतवाली से रिलीज नहीं कराया है। इसके चलते मंदिर में श्रीकृष्ण व लड्डू गोपाल की ही मूर्तियां हैं, जिनकी पूजा की जाती है। इस बार भी जन्माष्टमी पर बुधवार को मंदिर में कान्हा जी की पूजा बगैर राधारानी के की जाएगी। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सत्यदेव शर्मा ने बताया कि कोतवाली के अभिलेखों में राधाजी की अष्टधातु की मूर्ति बरामदगी एवं मुल्जिमों की गिरफ्तारी का उल्लेख है। हेड मुहर्रिर माल का तबादले व चार्ज हैंडओवर न होने के चलते मालखाना में मूर्ति होने के बाबत स्पष्ट नहीं बता सकते हैं।

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