कल तय होगा कानपुर की आउटर रिंग रोड का स्वरूप, सर्किट हाउस में होगा प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन

कानपुर के सर्किट हाउस में औद्योगिक विकास मंत्री व केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के संयुक्त सचिव की मौजूदगी में प्रोजेक्ट के अलाइनमेंट का प्रजेंटेशन दिया जाएगा। रिंग रोड के बन जाने से शहर में भारी वाहनों का प्रेवश रुकने से जाम की समस्या कम हो जाएगी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 26 Dec 2020 08:35 AM (IST) Updated:Sat, 26 Dec 2020 08:35 AM (IST)
कल तय होगा कानपुर की आउटर रिंग रोड का स्वरूप, सर्किट हाउस में होगा प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन
कानपुर में रिंग रोड निर्माण की कवायद जारी है।

कानपुर, जेएनएन। कल्याणपुर, जरीब चौकी, टाटमिल, झकरकटी, रामादेवी, नौबस्ता, पनकी, भौंती, जाजमऊ के पास लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए प्रस्तावित आउटर रिंग रोड के स्वरूप पर 27 दिसंबर को सर्किट हाउस में मंथन होगा। इसमें औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमित घोष आएंगे। बैठक में रिंग रोड के अलाइनमेंट पर सैद्धांतिक सहमति बनेगी। इसी के साथ ही यह तय हो जाएगा कि मंत्रालय स्तर पर अलाइमेंट कब मंजूर होगा और कब तक डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो जाएगी तथा राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट में वित्तीय भागीदारी कैसे और कितना करेगी।

कन्नौज की ओर से आने वाले वाहन जीटी रोड होकर ही फतेहपुर, प्रयागराज, वाराणसी की ओर जाते हैं। इसी तरह झांसी, दिल्ली की ओर से आने वाले वाहनों की वजह से भौंती और पनकी में जाम लगता है। हमीरपुर की ओर से आने और उधर जाने वाले वाहनों की वजह से नौबस्ता, रामादेवी आदि इलाके जाम की चपेट में रहते हैं। लखनऊ की ओर से आने और उधर जाने वाले वाहनों की वजह से जाजमऊ पुल पर घंटों जाम लगा रहता है। इस समस्या के समाधान के लिए ही शहर में आउटर रिंग रोड की स्थापना जरूरी है।

इस रिंग रोड के बनने से पहले मंधना से सचेंडी या मंधना से भौंती तक बाईपास बनाया जाना चाहिए। दैनिक जागरण की ओर से अधूरे ख्वाब अभियान के तहत रिंग रोड न होने की वजह से होने वाली समस्या का मुद्दा उठाया गया था। इसके बाद मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने उच्च स्तरीय समग्र विकास समिति और राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमित घोष के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रोजेक्ट पर चर्चा की। इसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने अफसरों के साथ रिंग रोड के अलाइनमेंट का निर्धारण करने के लिए मौके का मुआयना किया। इसी बैठक में 105 किलोमीटर के आउटर ङ्क्षरग रोड के अलाइनमेंट को खारिज करते हुए 101 किलोमीटर के अलाइनमेंट पर काम करने को लेकर सैद्धांतिक सहमति बनी।

बाईपास पर भी होगी चर्चा

मंधना से भौंती के बजाय मंधना से सचेंडी तक बाईपास बनाया जाने पर पहले ही सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। हालांकि इस बाईपास से क्या लाभ होगा इसका प्रस्तुतीकरण संयुक्त सचिव के समक्ष किया जाएगा। बाईपास को रिंग रोड का ही हिस्सा बनाया जाना है। इस बैठक में तय होगा कि ङ्क्षरग रोड के पूरे प्रोजेक्ट को मंजूर कर दिया जाए और फिर सबसे पहले बाईपास का निर्माण कर दिया जाए। बाईपास बन जाने से झांसी और दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग कानपुर- अलीगढ़ जीटी रोड से जुड़ जाएंगे। जीटी रोड पहले से ही मंधना- बैराज- शुक्लागंज मार्ग बन जाने के बाद कानपुर- लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ चुका है।

मंधना-शुक्लागंज मार्ग का भी प्रस्तुतीकरण

बैठक में मंधना-गंगा बैराज-शुक्लागंज मार्ग पर भी प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा। अभी यह मार्ग टू लेन है अब इसे फोर लेन करने की तैयारी है। 108 करोड़ रुपये की लागत से यह मार्ग बनेगा। इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है। संयुक्त सचिव को यह बताया जाएगा कि इस मार्ग को आउटर ङ्क्षरग रोड का हिस्सा बनाया जाएगा। साथ ही इसे कानपुर- लखनऊ एक्सप्रेस वे से भी जोड़ा जाएगा।

यहां है अड़चन

रिंग रोड का प्रोजेक्ट बहुत पहले ही धरातल पर आ जाता, लेकिन इसमें सबसे बड़ी बाधा वित्तीय भागीदारी बनी। भूमि अधिग्रहण के कार्य में राज्य सरकार को अंशदान तय करना होता है, लेकिन अभी तक इसका निर्धारण नहीं हो सका है। बैठक में वित्तीय भागीदारी को लेकर भी चर्चा होगी। चूंकि औद्योगिक विकास मंत्री खुद बैठक में मौजूद रहेंगे ऐसे में वे अंशदान का निर्धारण राज्य सरकार स्तर भी आसानी से करा सकेंगे।

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