Shadi Anudan Scam Kanpur: एडवांस रकम खाते में और काम होने के बाद नकद कमीशन लेता था दलाल
शादी अनुदान घोटाले में तहसील के चतुर्थ श्रेणी कर्मी के बेटे के खाते का डिटेल जुटाया जा रहा है। अपात्र से अनुदान प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए एडवांस रकम को बैंक खाते और काम हो जाने के बाद बची रकम का नकद में लेता था।
कानपुर, जेएनएन। बर्रा में शादी अनुदान घोटाले में तहसील के चतुर्थ श्रेणी कर्मी रामसुख के बेटे के खाते का ब्योरा जुटाया है, जिसमें दलाल ने करीब 1.75 लाख रुपये कई बार में ट्रांसफर किए थे। यह वह धनराशि थी जो चतुर्थ श्रेणी कर्मी कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए दलाल से एडवांस लेता था। काम होने के बाद शेष राशि का नकद भुगतान किया जाता था। नकद भुगतान का पुलिस हिसाब नहीं जुटा सकी है।
बर्रा-8 निवासी दंपती रजनी शर्मा और उनके पति प्रदीप कुमार ने बेटी की शादी के नाम पर शादी अनुदान के लिए आवेदन किया था। दंपती ने बेटी के अलग-अलग नाम आवेदन फार्म में दर्ज किए थे। जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया था। इसके बाद दंपती पर रिपोर्ट दर्ज हुई थी। पुलिस ने लिपिक, दलाल और आवेदनकर्ता प्रदीप को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। छानबीन में तहसील के चतुर्थ श्रेणी कर्मी रामसुख की मिलीभगत होना सामने आया था, पर मई में रामसुख की मौत हो गई।
रामसुख अपने बेटे के खाते में घूस की रकम मंगाता था। पुलिस ने उसके बेटे के खाते का ब्योरा जुटाया तो पता चला कि दलाल शेखर के खाते से कई बार में 1.75 लाख रुपये की रकम ट्रांसफर की गई थी। ट्रांजक्शन में कम से कम पांच हजार रुपये और अधिकतम 35 हजार रुपये तक भेजे गए थे। एसीपी गोविंद नगर विकास कुमार पांडेय ने बताया कि कुछ और दलालों की भूमिका की जांच चल रही है।
तहसीलदार से मांगी अनुदान पाने वालों की सूची
शादी अनुदान व पारिवारिक लाभ योजना में फर्जीवाड़े पर कोतवाली में दर्ज मुकदमे की विवेचना के क्रम में पुलिस ने सदर तहसीलदार से पात्र व अपात्रों की सूची मांगी है। आरोपित लेखपालों से भी पूछताछ की जानी है, लेकिन अभी तक कोई बयान देने नहीं आया। जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसीलदार ने दो अगस्त को शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना में फर्जीवाड़े के आरोप में 19 लेखपालों पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था। पूर्व तहसीलदार अतुल सचान को भी आरोपित बनाया गया था। उनपर एसडीएम को गुमराह करने का आरोप है।
पुलिस के मुताबिक विभागीय जांच में शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना में सैकड़ों लाभार्थियों का पता गलत मिला था। थाना प्रभारी कोतवाली रामकुमार गुप्ता ने बताया कि विवेचना कर रहे दारोगा सुखराम रावत ने तहसीलदार से पात्र व अपात्रों का ब्योरा मांगा है। जांच में अपात्रों की मिलीभगत सामने आती है तो उन्हें भी आरोपित बनाया जाएगा। लेखपालों को नोटिस देकर बयान देने के लिए बुलाया जाएगा। जल्द ही विवेचना पूरी कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी जाएगी।