पलक झपकते बाइक और ई रिक्शा उड़ाने वाले सात पकड़े

नौबस्ता और बर्रा पुलिस ने अंतरराज्यीय वाहन चोरों के गिरोह का पर्दाफाश किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 02:10 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 02:10 AM (IST)
पलक झपकते बाइक और ई रिक्शा उड़ाने वाले सात पकड़े
पलक झपकते बाइक और ई रिक्शा उड़ाने वाले सात पकड़े

जागरण संवाददाता, कानपुर : नौबस्ता और बर्रा पुलिस ने अंतरराज्यीय वाहन चोरों के गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के सदस्य इतने शातिर हैं कि पलक झपकते ही बाइक, ई रिक्शा और कारों का लाक खोलकर उसे पार कर देते थे। पुलिस ने हमीरपुर, कानपुर देहात और शहर में दबिश देकर सात बदमाशों को हिरासत में लिया है। उनकी निशानदेही पर विभिन्न स्थानों में छिपाकर रखी गई तीन दर्जन बाइकें और आधा दर्जन ई रिक्शा बरामद हुए हैं। आज पुलिस गिरोह का पर्दाफाश करेगी।

शहर में वाहन चोरी की वारदात थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसा कोई दिन नहीं बीतता, जब दो-चार वाहन चोरी न हों। चोर इतने शातिर हैं कि भीड़भाड़ वाले स्थानों पर और पाìकग में खड़े वाहनों को अपना निशाना बनाते हैं। मास्टर चाबी की मदद से वह बाइक ही नहीं, कारों के भी सेंट्रल लाक खोल लेते हैं और उन्हें बाहरी जिलों में जाकर छिपा देते हैं। ऐसे ही एक गिरोह का नौबस्ता पुलिस ने राजफाश करते हुए तीन बदमाशों को पकड़ा। एक आरोपित ने हमीरपुर जिले के भरुआ सुमेरपुर स्थित एक गाव में बाइकें छिपाकर रखी थीं। जबकि बाकी दो ने शहर में ही एक गोदाम में उन्हें छिपाया था। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर देर रात तक करीब तीन दर्जन बाइक बरामद कर लीं। साथ ही अन्य बदमाशों की भी तलाश जारी है। इसी तरह बर्रा पुलिस ने भी चाìजग सेंटरों से या चालक को नशीला पदार्थ खिलाकर ई रिक्शा पार करने वाले गिरोह के चार बदमाशों को पकड़ा है। पिछले दिनों पुलिस ने ऐसे ही एक और गिरोह का पर्दाफाश किया था। तब उनसे पूछताछ में ही इस गिरोह का पता लगा था। डीसीपी साउथ रवीना त्यागी ने बताया कि वाहन चोरी की लगातार शिकायतों पर पुलिस को कुछ बदमाशों का पता लगा है। संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। एक दो दिन में गिरोह का पर्दाफाश किया जाएगा।

---------

नंबर बदल कर फर्जी कागजातों से वाहन बेचते थे शातिर

पुलिस सूत्रों ने बताया कि गिरोह के सदस्य चोरी के वाहनों के नंबर बदलकर और उनके फर्जी कागजात भी तैयार कराते थे। इसके बाद इन वाहनों को बाहरी राज्यों व जिलों में सेकेंड हैंड वाहन बताकर सस्ते दाम पर बेचते थे। पूर्व में जिन वाहनों को बेचा गया, उनका भी पता लगाया जा रहा है।

chat bot
आपका साथी