कानपुर में महामारी की दूसरी व घातक लहर ने संसाधनों व सिस्टम की खोल दी पोल
प्रो.बीवी फणी ने कहा कि पीपीई किट को पहनने से कई दिक्कतें होती हैं इसका निस्तारण कैसे हो इस पर छात्रों को अपना प्रोजेक्ट या प्रोटोटाइप तैयार करना चाहिए। कलाम सेंटर के सीईओ ने कहा कि इस महामारी में तमाम बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी की दूसरी व घातक लहर ने संसाधनों व सिस्टम की पोल खोल दी है। ऐसी स्थिति में जरूरत है कि हम ऐसे उपकरण तैयार करें, जो हमें कोरोना महामारी से बचा सकें। हैकेथॉन मौजूदा समय में एक अवसर है, अपनी प्रतिभा को सिद्ध करने का। कम खर्च और आधुनिक तकनीकों से ऐसे उपकरण बनाइए, जो ग्रामीणों के लिए भी मददगार हों। मंगलवार को यह बातें छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के कुलपति प्रो.विनय पाठक ने हैकथॉन प्रतियोगिता के ऑनलाइन उद्घाटन के मौके पर कहीं। इस मौके पर आइआइटी कानपुर के प्रो.मणींद्र अग्रवाल ने छात्रों व उपस्थित अतिथियों को सूत्र मॉडल से कोरोना महामारी की स्थिति पता लगाने की जानकारी दी।
प्रो.बीवी फणी ने कहा कि पीपीई किट को पहनने से कई दिक्कतें होती हैं, इसका निस्तारण कैसे हो, इस पर छात्रों को अपना प्रोजेक्ट या प्रोटोटाइप तैयार करना चाहिए। कलाम सेंटर के सीईओ ने कहा कि इस महामारी में तमाम बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया।
अब इस स्थिति में उनका पालन-पोषण कैसे होगा? छात्रों को इस विषय पर भी अपना प्रोजेक्ट तैयार करना चाहिए। गौतम बुद्ध विवि ग्रेटर नोएडा के कुलपति प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने कहा कि टीकाकरण को लेकर छात्र बेहतर प्रोजेक्ट बना सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन आइटी विभागाध्यक्ष डॉ.राशि अग्रवाल ने किया। इस ऑनलाइन चर्चा में डॉ.अनिल यादव, डॉ.विवेक सिंह सचान, डॉ.संदेश गुप्ता आदि उपस्थित रहे।
तीन मिनट का वीडियो व प्रोटोटाइप भेजना होगा : हैकेथॉन में हिस्सा लेने वाले छात्रों को तीन मिनट का वीडियो व प्रोटोटाइप भेजना होगा। 29 जून तक सभी एंट्रीज ले ली जाएंगी। पहला पुरस्कार हासिल करने वालों को 10 हजार रुपये नकद दिए जाएंगे।