विवि व उससे संबद्ध कालेजों के छात्र वसुधैव कुटुबंकम की अवधारणा को करेंगे पुष्ट

स्नातक के दौरान वे बंगाली गुजराती व पंजाबी आदि समेत किसी एक भाषा की पढ़ाई करने के सात जर्मन फ्रेंच अंग्रेजी और इटेलियन भाषाओं का भी ज्ञानार्जन कर करेंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय ने स्कूल आफ लैंग्वेजेज का नया संकाय बनाया है।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 09:05 AM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 09:05 AM (IST)
विवि व उससे संबद्ध कालेजों के छात्र वसुधैव कुटुबंकम की अवधारणा को करेंगे पुष्ट
विश्वविद्यालय ने स्कूल आफ लैंग्वेजेज का नया संकाय बनाया

कानपुर, जेएनएन। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय व उससे संबद्ध 800 से अधिक कालेजों के छात्र अब बीए, बीएससी व बीकाम की साधारण डिग्री लेकर कालेज से नहीं निकलेंगे। उनके पास डिग्री के साथ क्षेत्रीय व विदेशी भाषाओं का ज्ञान भी होगा। इससे वे वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा को पुष्ट करने के साध देश के अन्य हिस्सों व विदेशों में भी नौकरी करने की अर्हता आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। स्नातक के दौरान वे बंगाली, गुजराती, व पंजाबी आदि समेत किसी एक भाषा की पढ़ाई करने के सात जर्मन, फ्रेंच, अंग्रेजी और इटेलियन भाषाओं का भी ज्ञानार्जन कर करेंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय ने स्कूल आफ लैंग्वेजेज का नया संकाय बनाया है। इस स्कूल का निदेशक प्रो. संजय स्वर्णकार हैं।

भाषा के लिए अलग संकाय बनाने के साथ कला संकाय में भी बदलाव किया गया है। पहले कला संकाय में हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास, भूगोल व अर्थशास्त्र जैसे विषय होते थे। अब इस संकाय का नाम बदलकर स्कूल आफ आट््र्स, ह्यूमैनिटी एंड सोशल साइंस कर दिया गया है। इसमें कला संकाय के विषयों के अलावा पत्रकारिता, समाजकार्य, अर्थशास्त्र व समाजशास्त्र विषय आएंगे। डीन एकेडमिक प्रो. अंशु यादव ने बताया कि छात्रों के पास किसी भी कोर्स की केवल साधारण डिग्री नहीं होगी। सत्र 2021-22 से वह भाषाओं में भी विशेषज्ञता प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा सभी फैकेल्टी में इस प्रकार का बदलाव किया गया है जिससे दो व दो से अधिक विभाग आपस में तालमेल करके छात्रों को बेहतर शिक्षा दे सकें। 

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