बिल्डिंग की लागत का दो फीसद खर्च कर सहेजें बारिश का पानी, जानिए नगर निगम की जल बचाने की नई मुहिम
रिचार्ज करने के लिए छत पर जमा होने वाले बारिश के पानी को सीधे एक गड्ढे में भेजा जाता है। इसके लिए रेनवाटर हार्वेस्टिंग फिल्टर लगवाना पड़ता है। इस फिल्टर को छत से आगे वाली पाइप के निचले हिस्से में लगाया जाता है।
कानपुर, जेएनएन। बिल्डिंग और मकान के रंगरोगन और डिजाइन तैयार करने में लाखों रुपये खर्च कर देते है, लेकिन बारिश के पानी को सहेजने में 30 हजार रुपये से डेढ़ लाख रुपये खर्च करने के लिए सोचते है। अभी नहीं चेते तो भविष्य में पीने के पानी के लिए तरस जाएगे। शहर में ही दस साल में जलस्तर 150 फीट से 250 फीट तक पहुंच गया है। बिल्डिंग की कास्ट का दो फीसद तक केवल बारिश के पानी बचाने में खर्च कर दे तो भविष्य में भूगर्भ जल नहीं गिरेगा और आने वाली पीढी को पानी के लिए नहीं जूझना होगा। भूगर्भ जल विभाग में फील्ड असिस्टेंट अनूप रतन अवस्थी और फील्ड वर्कर विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि पानी बचने के कई आसान तरीके है केवल इच्छाशक्ति की जरूरत है।
पानी को एकत्र कर सकते हैं : स्टोरेज के माध्यम से बारिश के पानी को सीधे उपयोग करने के लिए जमा किया जाता है। इस प्रक्रिया में बारिश के पानी को छत के पाइप के माध्यम से एकत्र किया जाता है। प्रक्रिया में रेन वाटर फिल्टर प्रयोग में लाया जाता है और इसकी वजह से यह पानी अमूमन साफ रहता है। यह सिस्टम जहां पर बारिश बेहद कम होती है। इस बारिश के पानी को सफाई और बागवानी में प्रयोग किया जा सकता है।
खर्च आता है : आठ से दस हजार रुपये
रिचार्ज सेंटर : छत के पानी को पाइपों के माध्यम से भूगर्भ जल को रिचार्ज किया जा सकता है। रिचार्ज करने के लिए छत पर जमा होने वाले बारिश के पानी को सीधे एक गड्ढे में भेजा जाता है। इसके लिए रेनवाटर हार्वेस्टिंग फिल्टर लगवाना पड़ता है। इस फिल्टर को छत से आगे वाली पाइप के निचले हिस्से में लगाया जाता है। इससे गड्डे में पहुंचने वाली कई तरह की गंदगी रुक जाती है। साफ पानी पाताल में चला जाता है। उन्होंने बताया कि फिल्टर छत के क्षेत्रफल के हिसाब बनता है इसकी लागत भी अलग होती है।
लागत : 30 से 50 हजार का खर्च
खुद भी बना सकते हैं सिस्टम : छत का क्षेत्रफल सौ वर्ग मीटर है। दो क्यूबिक मीटर आयतन वाला गड्ढा बनाएं। इसकी पिट की गहराई दो मीटर हो और चौड़ाई व व लंबाई एक-एक मीटर होनी चाहिए। इसमें दो हजार लीटर पानी एकत्र किया जा सकता है। यह ईंट, चारकोल या एक्टिवेटिड कार्बन, बालू आदि से मिलकर बनता है।
ऐसे भी पानी बचा सकते हैं : जरूरत के हिसाब से पानी को खर्च करे, आरओ से निकलने वाले बेकार पानी बचाकर घर के काम में प्रयोग करे, बाल्टी में भरकर पानी खर्च करे।