संजीत हत्याकांड : सीबीआइ की टीम से पिता बोले- हमें जांच के नाम पर छला गया
कानपुर में चर्चित संजीत हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ की टीम घर पहुंची और घरवालों से पूछताछ की और फिरौती की सभी आडियो रिकार्डिंग साथ लेकर गई। पिता को टीम ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया ।
कानपुर, जेएनएन। बर्रा के चर्चित लैब टेक्नीशियन संजीत यादव अपहरण और हत्याकांड की जांच में सीबीआइ टीम दूसरे दिन शनिवार सुबह बर्रा थाने पहुंची। वहां से एक महिला कांस्टेबल साथ लेकर सुबह साढ़े दस बजे बर्रा-पांच स्थित संजीत के घर गई। दो घंटे तक स्वजन से पूछताछ की। संजीत के पिता चमनलाल बोले, जांच के नाम पर सिर्फ उन्हें छला गया है। बताया कि किस तरह पुलिस ने खेल किया। सीबीआइ टीम ने स्वजन को निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया और घटनास्थल रतनलाल नगर में किराये के मकान को बाहर से देखते हुए गुजर गई।
चमनलाल ने बताया कि सुबह करीब साढ़े नौ बजे उनके पास सीबीआइ के अधिकारी का फोन आया था। पहले परिवार को गेस्ट हाउस बुलाकर बातचीत की बात की। बाद में टीम घर पहुंची। सीबीआइ के डिप्टी एसपी हरजीत सचान ने उनसे पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। फिरौती वाले बिंदु पर पूछा कि क्या आप उस नोट दुकानदार को जानते हैं जिसने नकली नोट खरीदने का बयान दिया तो चमनलाल ने इन्कार कर दिया। फिरौती की रिकार्डिंग भी सीबीआइ टीम एक-एक करके सुनीं।
डिप्टी एसपी ने संजीत की बहन रुचि से सभी 24 रिकार्डिंग वाट्सएप पर ट्रांसफर करा लीं। पिता ने कहा, अपहरणकर्ताओं का मोबाइल चल रहा था, इसके बाद भी एसपी साउथ की सर्विलांस टीम उन्हें दबोच नहीं सकी। सीबीआइ ने फिरौती देने का प्लान, रकम देने का स्थान, संजीत का क्या सामान पुलिस ने बरामद किया, फिरौती देते समय पुलिस टीम कितनी दूरी पर थी और शव की तलाश के लिए पुलिस ने क्या प्रयास किए आदि की जानकारी ली।
पिता ने पुलिस पर लगाए ये आरोप
-तत्कालीन एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता की लापरवाही की जांच आइजी लखनऊ लक्ष्मी सिंह कर रही थीं। अपर्णा गुप्ता के सामने ही उनके बयान दर्ज किए थे। आइपीएस अपर्णा ने फिरौती दिए जाने से पल्ला झाड़ लिया था।
-आइजी चली गईं तो अपर्णा गुप्ता ने बयान टाइप करने वाले सिपाही से उनके बयान कटवाए और उस कागज पर हस्ताक्षर भी कराए थे। बयान की प्रति उन्हें नहीं दी गई।
-बयान कटवाने के विरोध पर अपर्णा गुप्ता ने कहा था कि रुचि की तरह मैं भी तो एक बेटी हूं। मेरे भी भविष्य का सवाल है।
-पिता पुलिस में होने के चलते राहुल यादव को क्लीन चिट देकर छोड़ दिया गया, जबकि उसी ने धमकी भरा मैसेज भेजा था। मुकदमा में वह नामजद था।
मां बोली, पानी में नहीं फेंका मेरे लाल को
संजीत की मां कुषमा ने हाथ जोड़कर कहा कि मेरे लाल का शव आज तक बरामद नहीं हुआ है। हत्यारों ने मेरे बेटे की हत्या करने के बाद शव पांडु नदीं में नहीं फेंका है। अगर फेंकते तो कहीं न कहीं तो वह किनारे लगता। हत्यारे जानते थे कि शव न मिलने से ही उनकी बचत है।
मास्टर माइंड का नहीं लिया गया कस्टडी रिमांड
स्वजन ने बताया कि मास्टर माइंड रामजी शुक्ला को गिरफ्तारी के बाद नाटकीय ढंग से कोरोना संक्रमित बताकर आइसोलेशन सेंटर चौबेपुर में भर्ती कराया गया। 20 दिन क्वारंटाइन होने से पुलिस ने 14 दिन में मिलने वाली कस्टडी रिमांड के लिए आवेदन नहीं किया।