संजीत कांड : 13 जुलाई को लखनऊ में दर्ज होंगे संजीत के पिता के बयान

संजीत के पिता के बयान दर्ज नहीं हुए थे। अब उन्हेंं 13 जुलाई को आइजी लखनऊ ने बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है। थाना प्रभारी बर्रा हरमीत सिंह ने बताया कि संजीत के पिता के 13 जुलाई को बयान दर्ज होने हैं। इसका नोटिस आया है।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Sat, 10 Jul 2021 02:30 PM (IST) Updated:Sat, 10 Jul 2021 02:30 PM (IST)
संजीत कांड : 13 जुलाई को लखनऊ में दर्ज होंगे संजीत के पिता के बयान
निर्धारित तिथि पर अपना पक्ष रखने के लिए आइजी दफ्तर जाएंगे

कानपुर, जेएनएन। शहर के चर्चित संजीत अपहरण और हत्याकांड में तत्कालीन एसपी साउथ के पद पर तैनात रही आइपीएस अपर्णा गुप्ता के खिलाफ लखनऊ आइजी लक्ष्मी सिंह जांच कर रही हैं। निलंबन के बाद बहाल हुए पुलिसकॢमयों ने 28 जून को बयान दर्ज कराए थे। जबकि संजीत के पिता चमन के बयान दर्ज नहीं हो सके थे। अब संजीत के पिता को 13 जुलाई को बयान देने के लिए बुलाया गया है।

बर्रा पांच निवासी संजीत अपहरण कांड में निलंबित हुई सभी पुलिस कॢमयों की बहाली हो चुकी है। जिसमें आइपीएस अपर्णा गुप्ता और तत्कालीन सीओ गोविंद नगर रहे मनोज गुप्ता भी शामिल हैं। अपर्णा गुप्ता के खिलाफ लखनऊ आइजी लक्ष्मी सिंह कर रही हैं। जबकि क्षेत्राधिकारी रहे मनोज गुप्ता पर लगे लापरवाही के आरोपों की जांच संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय लखनऊ कर रहे हैं। आइजी लखनऊ लक्ष्मी सिंह ने बहाल हुए पुलिस कॢमयों और संजीत के पिता चमन को बयान दर्ज नोटिस देकर 28 जून को बुलाया गया था। जिसमें अपर्णा गुप्ता, रणजीत राय, दारोगा राजेश कुमार, दारोगा योगेंद्र प्रताप सिंह, कांस्टेबल विनोद कुमार, मनीष कुमार, अवधेश कुमार, डिशू भारती, शिव प्रताप सिंह व सौरभ पांडेय ने बयान दर्ज कराए थे। संजीत के पिता के बयान दर्ज नहीं हुए थे। अब उन्हेंं 13 जुलाई को आइजी लखनऊ ने बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है। थाना प्रभारी बर्रा हरमीत सिंह ने बताया कि संजीत के पिता के 13 जुलाई को बयान दर्ज होने हैं। इसका नोटिस आया है। निर्धारित तिथि पर अपना पक्ष रखने के लिए आइजी दफ्तर जाएंगे। 

यह हुई थी घटना : बर्रा पांच निवासी लैब टेक्नीशिनय संजीत यादव को 22 जून को पार्टी के बहाने दोस्तों ने अगवाकर रतनलाल नगर स्थित एक मकान में बंधक बनाकर रखा था। 27 जून को आरोपितों ने उसकी गलाकस कर हत्या करने के बाद शव बोरी में भरकर फत्तेपुर स्थित लोहे वाले पुल से पांडु नदी में फेंका था। अपहर्ताओं ने संजीत के स्वजन से 30 लाख की फिरौती की मांग की थी। सॢवलांस की मदद से पुलिस 24 जुलाई को ज्ञानेंद्र, कुलदीप, रामजी शुक्ला, नीलू और प्रीति को गिरफ्तार कर राजफाश किया था। फिरौती की रकम दिए जाने को लेकर पुलिस की किरकिरी हुई थी। जिसमें तत्कालीन एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता, सीओ गोङ्क्षवद नगर रहे मनोज गुप्ता, थाना प्रभारी रणजीत राय समेत 11 पुलिस कर्मी निलंबित हुए थे। फिरौती की रकम को लेकर हुई किरकिरी को समेटने के लिए निलंबित पुलिस कॢमयों ने अपने बचाव में पहले तो फिरौती न दिए जाने और बाद में फिरौती में नकली नोट दिए जाने की बात कही थी।  

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