Water Conservation: बूंद-बूंद सहेजने में जुटी है कानपुर की बेटी, उनके जुनून को देखकर जल शक्ति मंत्री भी कर चुके हैं सम्मानित
कानपुर के रामकृष्ण नगर की रहने वाली संगीता को पानी की एक-एक बूंद बचाने का जुनून है और इसके लिए वह गांवों में अलख जगा रही हैं। पिछले 10 वर्षों से भूगर्भ जलस्तर बढ़ाने में संगीता जुटी हुई हैं और कई तालाबों को रीचार्ज कराया है।
कानपुर, [राहुल शुक्ल]। एक तरफ जहां लोग पानी की बर्बादी कर रहे हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो जल के मोल को समझकर उसे बचाने में जुटे हुए हैं। इन्हीं में से एक हैं संगीता श्रीवास्तव जो 10 साल से भूगर्भ जलस्तर बढ़ाने और बारिश की एक-एक बूंद सहेजने की अलख गांव-गांव में जगा रही हैं। वह कई तालाबों को रीचार्ज करवा चुकी हैं। गांव में लगे हैंडपंपों के बगल में रीचार्ज सेंटर बनवाया है ताकि हैंडपंप से निकलने वाला पानी नाली में न बहकर सोक पिट के सहारे जमीन के अंदर चला जाए। जल दिवस पर 22 मार्च को जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने उन्हें लखनऊ में सम्मानित भी किया।
रामकृष्ण नगर निवासी संगीता ने बताया कि वर्ष 2011 से श्रमिक भारती वाटर एड के साथ जुड़कर जल को संरक्षित करने के लिए गांव, पंचायत में जल चौपाल लगाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं। कानपुर देहात, कानपुर नगर और उन्नाव में वर्षा जल सुरक्षित रखने को लेकर लोगों को समझाने के साथ ही बचाने का भी काम किया जा रहा है। शिवराजपुर में वर्ष 2013 में दो तालाबों को रीचार्ज किया गया। तब से लगातार बारिश का पानी एकत्र हो रहा है। इससे आसपास के इलाकों में भूगर्भ जल बढ़ा है।
इसके अलावा कई गांवों में अब तक आठ सौ हैंडपंपों में सोक पिट बनवाए हैं। इसको लगवाने में 15 हजार का खर्च आता है। 90 फीसद संस्था देती है और दस फीसद जनता से धन लेते हैं ताकि वह देखभाल भी करें। इसके अलावा पानी की जांच भी कराते रहते हैं। संगीता बताती हैं कि जब गांव वाले जल दीदी या बहन जी कहते हैं तो बड़ी खुशी मिलती है। बारिश के पानी को सभी को सहेजना चाहिए। कुओं को भी रीचार्ज कराया जाता है। उन्होंने बताया इस काम में उनका पूरा परिवार सहयोग करता है।