कानपुर: गंगा के घाटों में अब बालू बन गई मुसीबत, जलस्तर बढ़ने के बाद सीढ़ियों पर आई बालू

पहाड़ों में जबरदस्त बारिश होने का असर शहर में गंगा पर भी असर पड़ा।गंगा शुक्लागंज में चेतावनी बिन्दु 113 मीटर पार कर गई थी।गंगा के तेजी से बढ़ते जलस्तर से लगने लगा था कि इस बार कटरी से जुड़े गांवों में बाढ़ अाएगी। कुछ गांवों में ही पानी घुस पाया।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Sat, 06 Nov 2021 10:05 PM (IST) Updated:Sat, 06 Nov 2021 10:05 PM (IST)
कानपुर: गंगा के घाटों में अब बालू बन गई मुसीबत, जलस्तर बढ़ने के बाद सीढ़ियों पर आई बालू
गंगा घाट की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। अक्टूबर माह में गंगा का जलस्तर बढ़ने से जलकल विभाग ने जरूर राहत ली लेकिन गांव वालों को जलभराव से नुकसान झेलना पड़ा।गांवों में पानी भरने से फसलों को नुकसान हुआ साथ ही कई जगह रास्ते तक बह गए। इसके चलते गांव वालों को निकलने के लिए जूझना पड़ा।वहीं गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद घाटों की सीढि़यों अौर किनारे अब बालू के ढेर लग है। वहीं गांवों में कीचड़ होने के कारण माहमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है।ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि गांवों में कीचड़ साफ कराने के साथ ही फागिंग कराई जाए ताकि महामारी फैलने से रोका जा सके।

पहाड़ों में जबरदस्त बारिश होने का असर शहर में गंगा पर भी असर पड़ा।गंगा शुक्लागंज में चेतावनी बिन्दु 113 मीटर पार कर गई थी। गंगा के तेजी से बढ़ते जलस्तर से लगने लगा था कि इस बार कटरी से जुड़े गांवों में बाढ़ अाएगी। कुछ गांवों में ही पानी घुस पाया। चैनपुरवा समेत अाधा दर्जन गांवों प्रभावित हुए।चैनपुरवा के लोगों को बाढ़ सहायता केंद्र भेजा गया।साथ ही प्रशासन ने 63 नाव लगा दी थी इसके अलावा सात बाढ़ चौकियां का निर्माण कराया। तेजी से बढ़ते जलस्तर को लेकर सभी कटरी से जुड़े सभी गांवों में सतर्कता बढ़ा दी गयी। शहर के घाटों में सीढि़यों तक पानी पहुंच गया था।जलस्तर गिरने के बाद अब घाटों में कीचड़ अौर बालू के ढेर लगे हुए हैं। अटल घाट, सिद्घनाथ घाट,सरसैया घाट, भैरोघाट, परमट घाट, बाबा घाट समेत कई जगह बालू के ढेर लगे हुए है इसके चलते लोगों घाट की सीढि़यों तक नहीं पहुंच पाते है। घाटों को साफ कराने की मांग क्षेत्रीय पार्षदों ने की है।

वहीं गांवों में जलस्तर कम होने से कीचड़ हो गया है।दलदल रास्ता हो जाने के कारण लोगों को निकलने में दिक्कत हो रही है।वहीं जलस्तर बढने से सबसे ज्यादा लाभ जलकल विभाग को हुई पानी खींचने के लिए ड्रेजिंग मशीन नहीं लगानी पड़ी अौर जल साफ होने के कारण रसायन कम खर्च हुअा। गांवों अौर घाटों में सफाई की तैयारी प्रशासन ने शुरू कर दी है।

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