औरैया में MLC कमलेश पाठक समेत 11 पर हत्या का आरोप तय, दाेहरे हत्याकांड में भेजा गया था जेल
Auraiya MLC Kamlesh Pathak Case15 मार्च 2020 को पंचमुखी हनुमान मंदिर परिसर में हुई गोलीबारी में अधिवक्ता मंजुल चौबे व उनकी चचेरी बहन सुधा की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। पुलिस की मौजूदगी में यह दोहरा हत्याकांड हुआ था।
औरैया,जेएनएन। नारायनपुर मोहल्ला स्थित पंचमुखी मंदिर परिसर में पिछले साल हुए बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड में करीब डेढ़ वर्ष से जेल में निरुद्ध सपा एमएलसी सहित उनके दो भाइयों, सरकारी गनर सहित 11 आरोपितों पर शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश की अदालत में हत्या का आरोप तय किया गया। मुकदमे के शीघ्र निस्तारण के लिए न्यायालय ने चार सितंबर तारीख तय कर वादी को गवाही के लिए तलब किया है।
यह है पूरा मामला: 15 मार्च 2020 को पंचमुखी हनुमान मंदिर परिसर में हुई गोलीबारी में अधिवक्ता मंजुल चौबे व उनकी चचेरी बहन सुधा की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। पुलिस की मौजूदगी में यह दोहरा हत्याकांड हुआ था। पुलिस ने मौके से एमएलसी कमलेश पाठक, उनके छोटे भाई पूर्व ब्लाक प्रमुख संतोष पाठक, रामू पाठक, सरकारी गनर सिपाही अवनीश प्रताप सिंह, कार चालक व सगे संबंधी कुल मिलाकर 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। शुक्रवार को अपर जिला जज द्वितीय एवं विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट रजत सिन्हा के समक्ष सभी 13 आरोपितों को पेश किया गया। कोर्ट ने सभी हत्यारोपितों कमलेश पाठक, संतोष पाठक, रामू पाठक, कुलदीप अवस्थी, विकल्प अवस्थी, राजेश शुक्ल, शिवम अवस्थी, आशीष दुबे, कांस्टेबल अवनीश प्रताप सिंह, लवकुश सविता आदि 11 लोगों पर हत्या का आरोप तय किया। सभी 13 आरोपितों पर प्राणघातक हमले का भी चार्ज लगाया। आरोप तय होने के बाद आरोपितों को जेल भेज दिया गया।
सुरक्षा का रहा पहरा: कमलेश पाठक व अन्य आरोपितों से मुलाकात के लिए सगे संबंधियों व समर्थकों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सीओ सदर सुरेंद्र नाथ ने बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया था। किसी को भी आरोपितों के पास तक पहुंचने नहीं दिया गया। जेल पुलिस के साथ पीएसी की किलेबंदी में कमलेश पाठक व सभी आरोपितों की पेशी कराई गई। दोपहर करीब एक बजे आरोपित कोर्ट पहुंचे थे। मामले में आरोपितों के साथ 13 लोगों पर हत्या का प्रयास और कुछ पर आयुध अधिनियम के मुकदमे लगाए गए। इन सभी मामलों में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। आरोपित इटावा, उरई, फीरोजाबाद व आगरा की जेलों से कड़ी सुरक्षा में लाए गए थे। उप जिला शासकीय अधिवक्ता अरविंद राजपूत ने बचाव पक्ष की ओर से आरोप तय न होने के लिए दिए गए दो प्रार्थनापत्रों का विरोध किया। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि गवाही की तारीख पर वादी आशीष को तलब किया गया है।