कानपुर में इस वजह से फिर रफ्तार पकड़ सकता है कोरोना, बाहर से शटर बंद है पर पीछे से बिक रहे कपड़े व अन्य सामान

ये दुकानदार आते जाते लोगों से पूछते भी रहते हैं कि उन्हेंं कुछ चाहिए तो नहीं। अगर ग्राहक कोई सामान खरीदना चाहता है तो वह उसके बारे में पता कर अपने कर्मचारी को शटर के अंदर करके फिर से शटर बंद कर देते हैं।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 12:38 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 12:38 PM (IST)
कानपुर में इस वजह से फिर रफ्तार पकड़ सकता है कोरोना, बाहर से शटर बंद है पर पीछे से बिक रहे कपड़े व अन्य सामान
कानपुर की बाजारों में भीड़ का फोटो जागरण

कानपुर, जेएनएन। शहर जहां एक तरफ कोरोना से जंग जीतने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहा है, आक्सीजन सिलिंडर के लिए लोगों की लगी कतारें, अस्पतालों में बेड का संकट। वहीं दूसरी तरफ ईद के त्योहार को लेकर अजीब तरह से जबरदस्त बिक्री हो रही है। ऐसा की नजारा कपड़ों और सहालग की दुकानों पर देखने को मिला। जहां पर बाहर से तो देखकर लगा रहा है, दुकानें बदं हैं, लेेकिन शटर के पीछे से कपड़े बिक रहे हैं। हालांकि इसे लेकर वे दुकानदार नाराज हैं। जो अपनी दुकानें बंद किए हुए हैं।

कोरोना कफ्र्य का उड़ा मखौल : कफ्र्यू के दौरान जिस दिन से किराना की दुकानें मोहल्लों में खुलना शुरू हुईं, उसी दिन से अलग-अलग मोहल्लों में कपड़े और रेडीमेड की बहुत सारी दुकानें भी खुलना शुरू हो गईं। कफ्र्यू की वजह से नहीं खुल पा रही दुकानों को खोलने के लिए दुकानदारों ने काट भी निकाल ली। ज्यादातर दुकानदार अपनी दुकान के शटर के ताले खोल कर उसके आसपास ही टहलते रहते हैं। ज्यादातर मोहल्ले की दुकानदारों को ग्राहक भी पहचानते हैं। ये दुकानदार आते जाते लोगों से पूछते भी रहते हैं कि उन्हेंं कुछ चाहिए तो नहीं। अगर ग्राहक कोई सामान खरीदना चाहता है तो वह उसके बारे में पता कर अपने कर्मचारी को शटर के अंदर करके फिर से शटर बंद कर देते हैं।

बाहर से शटर बंद पर पीछे से खुला : कर्मचारी जैसे ही सामान एकत्र कर लेता है वह शटर खोलकर फिर बाहर आ जाता है। नौबस्ता, मछरिया में तो रेडीमेड की दुकानें सुबह सात बजे ही खुल जाती है और 12 बजे बंद होती है। ठीक मछरिया चौराहा पर दो-तीन दुकानें खुली रहती हैं और इसी तरह मछरिया वाली गली में दो-तीन सौ मीटर जाने पर दो शोरूम रोज खुले दिखते हैं। जो लोग सहालग का सामान खरीदना चाहते हैं, वे शटर खुलवा कर अंदर चले जाते हैं। जब वे सामान खरीद लेते तो शटर उठाकर उन्हेंं बाहर कर दिया जाता है। 

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