बहनों की ओर से भेजे गए रोली-चंदन से होगा बंदियों का तिलक

भैयादूज में किसी भी भाई का माथा सूना न रहे। इसके लिए जेल प्रशासन ने पहले से ही व्यवस्था कर ली है। जेलर रामरतन यादव ने बताया कि जिस तरह से रक्षाबंधन के मौके पर बहनों के द्वारा जमा किए गए लिफाफे बंदियों तक पहुंचाए गए थे।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Sat, 14 Nov 2020 02:53 PM (IST) Updated:Sat, 14 Nov 2020 02:53 PM (IST)
बहनों की ओर से भेजे गए रोली-चंदन से होगा बंदियों का तिलक
यह लिफाफा उन बंदियों तक भैयादूज के मौके पर पहुंचेगा, जिससे उनका तिलक किया जाएगा।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के चलते इस समय जिला कारागार में मिलाई नहीं हो पा रही है। दीपावली के बाद होने वाले भैया दूज के पर्व में किसी भी बंदी का माथा सूना न रहे, इसके लिए जेल प्रशासन ने रोली, चंदन व चावल के पैकेट जमा कराने के लिए एक अलग से काउंटर तैयार कराया है। जिसमें जेल में निरुद्ध लोगों की बहनें अपना लिफाफा जमा कर रही हैं। यह लिफाफा उन बंदियों तक भैयादूज के मौके पर पहुंचेगा, जिससे उनका तिलक किया जाएगा।

भैयादूज में किसी भी भाई का माथा सूना न रहे। इसके लिए जेल प्रशासन ने पहले से ही व्यवस्था कर ली है। जेलर रामरतन यादव ने बताया कि जिस तरह से रक्षाबंधन के मौके पर बहनों के द्वारा जमा किए गए लिफाफे बंदियों तक पहुंचाए गए थे। इसी प्रकार से भैयादूज में भी जेल में निरुद्ध बंदियों की बहनों के द्वारा लिफाफा जमा कराने की व्यवस्था की गई। ताकि किसी भी बंदी का माथा सूना न रहे। उन्होंने बताया कि अभी तक कुल 21 लिफाफे काउंटर में जमा किए जा चुके हैं। जो भैयादूज के मौके पर संबंधित बंदियों तक पहुंचाए जाएंगे। लिफाफे में बंदी का नाम तथा जिस बहन के द्वारा लिफाफा दिया जा रहा है। उसका भी नाम लिखा जा रहा है। ताकि कोई अव्यवस्था न हो।

जेल में निरुद्ध भाई बहन एक दूसरे से मिल सकेंगे

एक ही परिवार के भाई बहन जो संयोग से जेल में ही बंद हैं। उनके लिए मिलाई की भी व्यवस्था की गई है। वह जेल के अंदर एक दूसरे से मिल सकेंगें और भैयादूज का पर्व मना सकेंगे।

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