इंडसइंड बैंक घोटाले में पेट्रोल पंप मालिक की भूमिका संदेह के घेरे में

चेक की प्रमाणिकता के लिए संबंधित बैंक खाते का ब्योरा जुटा रही है पुलिस।

By Edited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 01:45 AM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 04:10 PM (IST)
इंडसइंड बैंक घोटाले में पेट्रोल पंप मालिक की भूमिका संदेह के घेरे में
इंडसइंड बैंक घोटाले में पेट्रोल पंप मालिक की भूमिका संदेह के घेरे में
कानपुर, जागरण संवाददाता। इंडसइंड बैंक के 4.11 करोड़ रुपये घोटाले के मामले में पुलिस ने गुरुवार को बैंक के अभिलेख खंगालना शुरू कर दिया। इसमें पता चला कि तीन चेक पेट्रोलपंप मालिक के हैं, जो उसने इस रकम के बदले बैंक में जमा किए थे। चेक की प्रमाणिकता के लिए पुलिस संबंधित बैंक खाते का भी ब्योरा जुटा रही है। साथ ही पेट्रोल पंप मालिक के खिलाफ कार्रवाई को लेकर विधिक राय ले रही है ताकि उसकी और बैंक कर्मियों की इस घोटाले में स्थिति तय कर सके।
इधर आरोपित बैंक मैनेजर व कैशियर के साथ ही पैसा लेने वाले पेट्रोल पंप मालिक ने राजनैतिक व प्रभावशाली लोगों के दफ्तरों व घरों में चक्कर लगाना शुरू कर दिया है। घटना के बाद से ही आरोपित घर छोड़कर फरार है और पैरोकारों के माध्यम से मामले में अपनी बेगुनाही साबित करने के हर प्रकार के हथकंडे अपना रहे है। कमीशन के लालच में चेक लेकर थमा दी गई बैंक की रकम पुलिस की जांच में अब तक सामने आया है कि बैंक के कर्मचारियों ने कमीशन के लालच में पेट्रोल पंप मालिक हिनिश रामचंदानी को बैंक का पैसा थमा दिया। इस रुपये के बदले में जमानत के तौर पर वह तीन चेक दे गया।
बैंक सूत्रों के मुताबिक हिनिश ने बैंक कर्मियों को पहले लाखों की रकम लेकर कमीशन समेत वापस कर भरोसे में लिया और उसके बाद यह झटका दिया। यह खेल पिछले करीब 11 महीनों से चल रहा था। बैंक की साख फंसी तो जागा प्रबंधन बैंक के खजाने से 4.11 करोड़ के घोटाले को पहले तो प्रबंधन बैंक कर्मियों व पैसा लेने वाले से ही रिकवर करने के चक्कर में रहा, लेकिन रकम ज्यादा होने और लेने वाले के हाथ खड़े करने पर मुकदमा लिखाया। इसके बाद भी बैंक अपनी साख बचाने के लिए मामले में खुलकर बोलने या किस लेवल तक के लोग शामिल हैं, बताने को तैयार नहीं है।
यहां तक कि आधिकारिक तौर पर बयान तो जारी कर रहे हैं, पर नाम व पोस्ट बताने से साफ इन्कार कर रहे हैं। क्या था मामला बताते चलें कि बैंक में घोटाले की जानकारी और हेड आफिस के दबाव के बाद 26 अक्टूबर को बैंक के रीजनल हेड देबांजन गुहा ने शाखा प्रबंधक राहुल तिवारी के सामने बैंक शाखा के खजाने का निरीक्षण किया। उस समय खजाने में मात्र 29,93,237 रुपये थे जबकि लेखा बहियों के मुताबिक खजाने में 4,41,33,657 रुपये होने पर घोटाला सामने आया था। जिस पर प्रबंधक राहुल ने गायब 4,11,40,420 रुपये 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच हिनिश रामचंदानी को देने की बात कही थी। जिसके बदले खजाने में तीन चेक भी रखे थे।
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