कानपुर के सचेंडी में फिर हुआ हादसा, ट्रैक्टर-टेंपो की भिड़ंत में आधा दर्जन सवारियां घायल

टेंपो में डग्गामारी पर लगाम लगा पाने में पुलिस फेल साबित हो रही है। पिछले माह सचेंडी में ही किसान नगर हाईवे के पास बस की टक्कर से टैंपो सवार 18 लोगों की मौत हो गई थी। सभी आसपास के गांवों से एक फैक्ट्री में नौकरी करने जा रहे थे।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 10:04 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 10:04 PM (IST)
कानपुर के सचेंडी में फिर हुआ हादसा, ट्रैक्टर-टेंपो की भिड़ंत में आधा दर्जन सवारियां घायल
कानपुर में हुए हादसे की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फाेटो।

कानपुर, जेएनएन। सचेंडी थाना क्षेत्र के किसान नगर में बिधनू रोड पर तेज रफ्तार ट्रैक्टर व टेंपो के बीच आमने सामने भिड़ंत हो गई। हादसे में टेंपो सवार आधा दर्जन यात्री घायल हो गए। पुलिस ने आकर उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए बिधनू सीएचसी पहुंचाया। 

सचेंडी के सीढ़ी इटारा नहर पुल के पास रविवार को किसान नगर की ओर से टेंपो चालक सवारियों को लेकर आ रहा था। इसी दौरान सामने से अचानक आए तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने टेंपो में जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर से टेंपो पलटते बची और अंदर बैठे यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। हादसे में आधा दर्जन यात्री घायल हो गए। जिसमें काकादेव के विजयनगर निवासी घायल बंसीलाल, मिश्रीलाल, राम सतीश, राम अवतार, रुपई प्रसाद व जयराम वर्मा शामिल हैं। टेंपो व ट्रैक्टर चालक मौके से फरार हो गए। हादसे के बाद आसपास गांवों के लोग व राहगीर आ गए और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। साथ ही टेंपो से सभी यात्रियों को बाहर निकाला। इसके बाद पुलिस ने आकर घायलों को बिधनू सीएचसी भेजा। सचेंडी थाना प्रभारी सतीश राठौर ने बताया कि हादसे में टेंपो सवार यात्री मामूली रूप से घायल हुए हैं। सीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद वे अपने घर चले गए। वहीं ट्रैक्टर चालक व टेंपो चालक के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है। मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी।

बंद नहीं हो रही डग्गामारी, पहले भी 18 लोगों की हुई थी मौत: टेंपो में डग्गामारी पर लगाम लगा पाने में पुलिस फेल साबित हो रही है। पिछले माह सचेंडी में ही किसान नगर हाईवे के पास बस की टक्कर से टैंपो सवार 18 लोगों की मौत हो गई थी। वह सभी आसपास के गांवों से एक फैक्ट्री में नौकरी करने जा रहे थे। उसके बाद अधिकारियों ने डग्गामार वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे, लेकिन कुछ दिन अभियान चलाने के बाद पुलिस शांत होकर बैठ गई। 

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