274 गांवों की 670 हेक्टेयर भूमि पर कानपुर में बनेगी 93 किमी लंबी आउटर रिंग रोड, सर्वे में आई तेजी
मंडलायुक्त ने 15 दिन में सर्वे पूरा करने के लिए कहा है। सर्वे पूरा होने के बाद ही पता चलेगा कि किस कानपुर की कितनी भूमि का अधिग्रहण होगा और कुल कितने किसानों को कितना मुआवजा दिया जाएगा।
कानपुर, जेएनएन। 93 किमी लंबी आउटर रिंग रोड के लिए कानपुर देहात, कानपुर नगर और उन्नाव जिले के 274 गांवों की भूमि का अधिग्रहण होगा। गांवों का चयन कर लिया गया है। अब 15 दिनों में सर्वे का कार्य पूरा हो जाएगा। इसके बाद भूमि अधिग्रहण और सक्षम प्राधिकारियों की तैनाती के लिए सड़क राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालय अधिसूचना जारी करेगा और फिर राज्य सरकार को वहां से पत्र भेजकर भूमि अधिग्रहण कराने का प्रस्ताव दिया जाएगा। राज्य सरकार की मंजूरी मिलते ही सड़क राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालय भी अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी कराएगा। सक्षम प्राधिकारियों की तैनाती के लिए अगस्त में ही अधिसूचना जारी हो जाएगी और मंत्रालय से प्रस्ताव भी राज्य सरकार को भेज दिया जाएगा।
93 किमी लंबी रिंग रोड बननी है। मंडलायुक्त ने 15 दिन में सर्वे पूरा करने के लिए कहा है। सर्वे तेजी से हो रहा है और शुक्रवार तक 48 किमी हिस्से का सर्वे पूरा हो गया। अगर जिन गांवों से यह रिंग रोड गुजरनी है उनकी बात करें तो कानपुर नगर के 173, कानपुर देहात के 21 और उन्नाव के 80 गांवों की भूमि ली जानी है। सर्वे पूरा होने के बाद ही पता चलेगा कि किस जिले की कितनी भूमि का अधिग्रहण होगा और कुल कितने किसान होंगे। फिलहाल जो आंकलन किया गया है उसके मुताबिक 670 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा और मुआवजा राशि वितरण पर करीब तीन हजार करोड़ का खर्च आएगा। पहले 560 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण का अनुमान था।
सक्षम प्राधिकारी के कार्य : सक्षम प्राधिकारी भूमि अधिग्रहण के लिए विज्ञापन जारी करेगा। इसी के बाद अधिसूचित भूमि की खरीद और बिक्री पर रोक लग जाएगी। पर्यावरण से जुड़ी सुनवाई कराने के साथ ही भू स्वामियों से करार की प्रक्रिया पूरी कराने का कार्य भी सक्षम प्राधिकारी ही करेगा। मुआवजे का वितरण भी सक्षम प्राधिकारी के हस्ताक्षर से ही किया जाएगा।