कानपुर में जल्द ही खुल सकता है रिंग रोड के लिए रास्ता, राजमार्ग मंत्रालय को भेजी जाएगी फाइल
\चूंकि केडीए का अपना मास्टर प्लान है और इस प्लान के तहत ही कई नए आवासीय प्रोजेक्ट और बड़े पार्क केडीए को विकसित करने हैं ऐसे में केडीए से भी प्राधिकरण ने प्रोजेक्ट पर राय मांगी है। मंत्रालय को अगले सप्ताह भेजी जाएगी अलाइनमेंट की फाइल ।
कानपुर, जेएनएन। रिंग रोड अब 106 किलोमीटर की होगी। इसकी अलाइनमेंट की फाइल अगले सप्ताह राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय को भेजी जाएगी। फरवरी में इसे हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। इसके बाद प्रोजेक्ट पर काम कर रही कंसलटेंट कंपनी साईं कंसलटेंट डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को अंतिम रूप देगी। परीक्षण के बाद उसे भी मंजूरी मिल जाएगी। इससे पहले राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने प्रोजेक्ट के बावत केडीए से राय मांगी है। माना जा रहा है कि रिंग रोड के किनारे केडीए नई टाउनशिप भी विकसित कर सकता है।
शहर के अंदर से गुजरते कई हाईवे
शहर में कल्याणपुर, नौबस्ता, पनकी, चकेरी, रामादेवी, जाजमऊ, सचेंडी आदि जगहों पर जबरदस्त जाम लगता है। इसकी बड़ी वजह शहर के अंदर से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। यहां से दिल्ली- कानपुर- प्रयागराज हाईवे, कानपुर - लखनऊ हाईवे, कानपुर- हमीरपुर- सागर हाईवे, कानपुर- झांसी और कानपुर - अलीगढ़ हाईवे गुजरते हैं। इन्हें आपस में जोडऩे के लिए रिंग रोड की जरूरत है। दैनिक जागरण इसे लेकर लगातार अभियान चला रहा है। इसी का संज्ञान लेकर मंत्रालय की टीम ने मौका मुआयना किया और 101 किमी लंबे आउटर रिंग रोड के अलाइनमेंट को हरी झंडी दे दी। हालांकि अब इस अलाइनमेंट को बढ़ाकर 106 किमी कर दिया गया है। इसीलिए अगले सप्ताह दोबारा फाइल भेजी जाएगी। चूंकि केडीए का अपना मास्टर प्लान है और इस प्लान के तहत ही कई नए आवासीय प्रोजेक्ट और बड़े पार्क केडीए को विकसित करने हैं, ऐसे में केडीए से भी प्राधिकरण ने प्रोजेक्ट पर राय मांगी है।
अंशदान है आवश्यक
दो दिन में केडीए अपनी रिपोर्ट उपलब्ध कराएगा। इसके बाद फाइल मंत्रालय को भेज दी जाएगी। प्राधिकरण के एक अफसर के मुताबिक फरवरी में अलाइनमेंट को मंजूरी मिलने के साथ ही टोकन मनी जारी हो सकती है। तब तक भूमि अधिग्रहण में राज्य सरकार के अंशदान का निर्धारण कराने की प्रक्रिया पूरी कराने का प्रयास किया जा रहा है। भूमि अधिग्रहण में राज्य सरकार का वित्तीय अंशदान जरूरी है। यदि ऐसा होता है तो प्रोजेक्ट पूरा करने में आसानी होगी। चूंकि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना खुद इस प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने को लेकर राज्य स्तर पर और सांसद देवेंद्र ङ्क्षसह भोले और सत्यदेव पचौरी मंत्रालय स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में उम्मीद है कि यह आसानी से मंजूर हो जाएगा।
इनका ये है कहना