UP : महोबा में बीस घंटे बाद बोरवेल से निकाला जा सका मासूम, नहीं बची जान, एसडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म

महोबा के विकास खंड जैतपुर के बुधौरा गांव का मामला। लखनऊ से एसडीआरएफ टीम पहुंची ऑक्सीजन के किए गए इंतजाम खाने को दिया गया दूध-बिस्किट। पूरी रात और सुबह भी एसडीआरएफ टीम का रेसक्यू ऑपरेशन जारी है ।

By Moris SamuelEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 06:13 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 09:09 AM (IST)
UP : महोबा में बीस घंटे बाद बोरवेल से निकाला जा सका मासूम, नहीं बची जान, एसडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म
महोबा के विकासखंड जैतपुर के बुधौरा गांव का मामला।

कानपुर, जेएनएन। उत्‍तर प्रदेश के महोबा जनपद में एक किसान का खेत में खुले बोरवेल को बंद न कराने की भूल ने आखिर उसके बेटे की जान ले ली। बुधवार को खेत में खेलते समय 60 फीट गहरे बोरवेल में गिरे किसान के छह वर्षीय बेटे को बीस घंटे बाद एसडीआरएफ की टीम ने बाहर निकाला लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। रात बारह बजे लखनऊ से आई एसडीएआरएफ की टीम ने रेसक्यू ऑपरेशन शुरू किया था। इससे पहले दोपहर तीन बजे से प्रशासनिक, पुलिस और दमकल की टीम बोरवेल से बच्चे को निकालने के प्रयास में जुटी रही थी। गुरवार की सुबह करीब पौने नौ बजे एसडीआरएफ की टीम ने मासूम को बाहर निकाला। इसके बाद एंबुलेंस से उसे तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बीती शाम से बोरवेल से बच्चे की आवाज आनी बंद हो गई थी।

बुधवार की दोपहर एक बजे बच्चे के बोरवेल में गिरने की सूचना के बाद पुलिस पहुंच गई थी। दोपहर करीब तीन बजे से जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार की अगुवाई में बच्चे को सकुशल बाहर निकालने के लिए पुलिस, प्रशासन और दमकल की टीम बचाव कार्य में जुट गई थी। यहां 6 जेसीबी मशीनें, एक एलएनटी मशीन, पांच एंबुलेंस, अग्निशमन दस्ता जुटा था। रात करीब 12 से लखनऊ एसडीआरएफ के कमांडेंट डा. सतीश कुमार और निरीक्षक वीरेन्द्र दुबे की नेतृत्व में  टीम आई थी और बचाव अभियान शुरू किया था, जो पूरी रात और सुबह तक चला।

बोरवेल तक पहुंचने के लिए बनाई गई सुरंग से पानी निकल आने के कारण कार्य में व्यवधान पड़ गया तो पानी बाहर निकाला गया। इसके बाद सुबह करीब पौने बजे टीम ने बच्चे को बाहर निकाला और एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया। डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया। 

 

शाम से आवाज आनी बंद

बुधवार की दोपहर तक बोरवेल से घनेन्द्र की आवाज आ रही थी लेकिन शाम तक आवाज आनी बंद हो गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम बोरवेल में नली डालकर ऑक्सीजन की आपूर्ति करता रहा ताकि बच्चे को ऑक्सीजन की कमी न हो। बोरवेल में बच्चे की आवाज आने तक बिस्किट व पानी अंदर डाला गया लेकिन शाम को जब आवाज आनी बंद हो गई तो खाने के लिए दूध, पानी कुछ नहीं डाला गया। प्रशासन को डर था कि कुछ भी डालते समय मिट्टी के धसकने से खतरा हो सकता है, वहीं बच्चे के बेहोश होने की भी संभावना जताई जाने लगी थी। बच्चे को बाहर निकाले जाने तक ग्रामीणों की भीड़ मौके पर पूरी रात मौजूद रही और सकुशल बाहर आने की प्रार्थना करती रही। 

ये है पूरा मामला 

मामला महोबा जिले के कुलपहाड़ इलाके का है। यहां विकासखंड जैतपुर के बुधौरा गांव के निवासी किसान भगीरथ कुशवाहा बुधवार को परिवार के साथ अपने खेत पर गेहूं की फसल में सिंचाई करने पहुंचे। उनका छह वर्षीय बेटा घनेंद्र भी साथ में था। सभी परिवारीजन सिंचाई को लेकर व्यस्त हो गए। उधर, मासूम खेलते-खेलते खेत पर करीब एक फीट की चौड़ाई वाले बोरवेल में गिर पड़ा। अपराह्न करीब एक बजे जब भगीरथ व उनकी पत्नी को सिंचाई से फुरसत मिली तो घनेंद्र गायब मिला। काफी खोजबीन के बाद बोरवेल के पास पहुंचने पर बेटे की रोने की आवाज सुनकर चीख पड़े। घटना की जानकारी पाकर बेलाताल पुलिस चौकी का फोर्स, कुलपहाड़ एसडीएम मोहम्मद अवेश व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेलाताल के डॉक्टर व अन्य अफसर मौके पर पहुंचे। फायर ब्रिगेड को भी बुलाकर स्थानीय प्रशासन ने बोरवेल के पास जेसीबी से खोदाई शुरू कराई। सीएमओ डॉ मनोज कांत के निर्देशन में स्वास्थ्य टीम ने घनेंद्र को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई। शाम करीब चार बजे बिस्कुट और दूध रखकर भेजा गया। बच्चे की आहट पाने को टार्च की रोशनी देकर पिता ने आवाज लगाई तो वह भी नीचे से बोला। किसान के मुताबिक, बोरवेल 60 फीट गहरा था। अब मिट्टी पडऩे से करीब 40 फीट गहराई होगी। डीएम सत्येंद्र कुमार ने बोरवेल के आसपास सर्च लाइटें लगवाकर रोशनी कराई। जेनरेटर का भी इंतजाम किया गया है। लखनऊ से राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की रेस्क्यू टीम भी निरीक्षक वीरेंद्र दुबे के नेतृत्व में रात करीब साढ़े आठ बजे टीम घटनास्थल पर पहुंच गई। 

ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई

करीब 60 फीट गहरे बोरवेल में मासूम को आक्सीजन की कमी न हो इसके चलते सीएमओ डॉ मनोज कांत के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची। आनन-फानन में सिलेंडर और नली आदि के माध्यम से गड्डे में ऑक्सीजन पहुंचाई गई।

Mahoba: An operation is underway to rescue the 4-year-old boy who fell into an open borewell in Kulpahar area. "Specialized teams of NDRF and SDRF are arriving. We plan to reach to the child through a tunnel which is being dug by three JCB machines," says DM Satyendra Kumar. https://t.co/SKJqrO8awO" rel="nofollow pic.twitter.com/TWbP5Es3YL— ANI UP (@ANINewsUP) December 2, 2020

 रात दो बजे बाकी थी दो से तीन फीट की खोदाई 

दोपहर एक बजे से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद देर रात दो बजे एक राहत भरी खबर आई थी। तब बताया गया था किलगभग दो से तीन फीट की खोदाई बाकी रह गई है। 15 से 20 मिनट में बच्चे के पास तक टीम पहुंच जाएगी। फिलहाल बचाव कार्य के दौरान बच्चे की आवाज नहीं आ रही है, हो सकता है वो सो गया हो। टीम के बच्चे के करीब पहुंचने की खबर पाकर मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने कहा कि हमें टीम पर पूरा भरोसा है। वे जल्द ही बच्चे को सकुशल बाहर निकाल लेंगे। 

रात करीब 02: 20 पर एसडीआरएफ टीम को खोदाई के दौरान बोरवेल में फंसे बच्चे के पास पहुंचने से पहले ही पानी मिला। जिस कारण से रेस्क्यू ऑपरेशन में कुछ दिक्कतें महसूस हो रही थीं। एसडीआरएफ मीडिया सेल के शिव किशोर पांडेय ने बताया कि अभी 30 मिनट का समय और लगने की बात टीम सदस्यों ने बताई है।

ऐसे जतन कर रही टीम

बोरवेल के समानांतर तीन फीट चौड़ा गड्ढा खोदा गया है। इसमें पानी रोक करके अब यहां से एल साइज के आकार की सुरंग बनाकर टीम बच्चे तक पहुंच बनाने का प्रयास कर रही है। टीम के सदस्यों ने महज डेढ़ फीट की दूरी पर बच्चे के होने की बात बताई है। साथ ही कहा कि मिट्टी धसकने से रोकने के कारण सतर्कता बरती जा रही है।

बिस्किट-दूध पहुंचाया 

शाम करीब चार बजे बच्चे को बिस्किट और दूध रस्सी के द्वारा गड्डे में पहुंचाया गया। बीच-बीच में बच्चे की आहट पाने के लिए टार्च से उसके पिता बोलते भी जा रहे थे। उधर मां क्रांति अपने दो अन्य बच्चों के साथ बेहाल दूर बैठी थी। मौजूद अधिकारी, ग्रामीण सभी बच्चे के सकुशल बाहर आ जाने को लेकर ईश्वर से प्रार्थना करते जा रहे थे। 

लाइट की हुई व्यवस्था 

अंधेरा होने से पहले ही करीब चार बजे डीएम सत्येंद्र कुमार ने बोरवेल के आसपास सर्च लाइटों को लगाने के निर्देश दिए। जनरेटर मौके पर ले जाकर वहां कई सर्च लाइटें लगाई गईं।

रात आठ बजे खोदाई रोकी 

डीएम सत्येंद्र कुमार ने बताया कि बोरवेल में फंसे मासूम को निकालने की कवायद चल रही है। मजदूर लगाकर सफाई कराई जा रही है। जल्द ही बच्चे को सकुशल निकाल लिया जाएगा। 

प्रार्थना को जुड़े हाथ

बोरवेल में गिरे मासूम के सकुशल बाहर निकल आने को लेकर घटनास्थल समेत आसपास गांवों के लोगों के हाथ प्रार्थना के लिए जुड़ गए। मां क्रांति देवी, दोनों बहनें और पिता की आंखों में आंसू नहीं थम रहे।  

समयबद्ध तरीके से जानें किस समय क्या हुआ -  दोपहर 12.30 बजे- बुधौरा गांव निवासी किसान भागीरथ दोपहर अपने खेत पर परिवार के साथ काम कर रहा था।  1.00  बजे-   मासूम घनेंद्र बोरवेल में गिरा।  1.30 बजे-   मासूम के गिरने की जानकारी स्वजन को पता चली।  2.00 बजे-  कुलपहाड़ एसडीएम, पुलिस मौके पर पहुंची।  2.10 बजे- लखनऊ  एसडीआरएफ को सूचना भेजी गई।  2.30 बजे-  प्रशासन ने जेसीबी मशीन मंगाई, खोदाई शुरु की गई।  2.40 बजे-  बच्चे को टार्च से देख कर उससे बातचीत की कोशिश।  3.10 बजे-  रेस्क्यू के लिए बीस सदस्यीय टीम लखनऊ से रवाना। 3.40 बजे-  बच्चे को गड्डे में आक्सीजन की व्यवस्था कराई गई।  3.45- बजे- डीएम सत्येंद्र कुमार घटनास्थल पर पहुंचे।  4.10 बजे-  बोरवेल के आसपास लाइट की व्यवस्था की गई।  4.50 बजे-  डीएम ने  लखनऊ  एसडीआरएफ टीम की लोकेशन पता कराई।

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