दस सालों से लगातार दक्षिण में हो रही अस्पताल की मांग, मंत्रियों तक ने दिए तो सिर्फ आश्वासन

इस दौरान उन्होंने मंच से ही १०० बेड का मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना का वादा किया था। उसके बाद भी आज तक अस्पताल की स्थापना नहीं हो सकी है। योगी सरकार के साढ़े चार वर्ष गुजर चुके हैं। ।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 10:59 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 10:59 AM (IST)
दस सालों से लगातार दक्षिण में हो रही अस्पताल की मांग, मंत्रियों तक ने दिए तो सिर्फ आश्वासन
जनता की बात आज तक मुख्यमंत्री के कानों तक नहीं पहुंच सकी है।

कानपुर, जेएनएन। हाकिम जिस तरह प्रदेश की राजधानी के हर कोने में बड़े-बड़े सरकारी अस्पताल खोले गए हैं। ऐसे ही चिकित्सकीय सुविधाएं उद्योग नगरी में भी मुहैया कराईं जाएं। शहर के दक्षिण क्षेत्र में बड़ी आबादी रहती है, लेकिन एक भी सरकारी अस्पताल नहीं है। 10 वर्षों से बड़े अस्पताल की मांग कर रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। यह गुहार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शहर के दक्षिण क्षेत्र के बाशिंदों की है।

शहर के दक्षिण क्षेत्र में रामा देवी से पनकी के बीच एक भी बड़ा सरकारी अस्पताल नहीं है, जबकि बड़ी आबादी इस क्षेत्र में रहती है। 10 वर्षों से इस क्षेत्र की जनता लगातार अस्पताल की स्थापना की मांग कर रही है। अखिलेश सरकार में नौबस्ता स्थित पुरानी मौरंग मंडी को कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने खाली कराकर स्वास्थ्य विभाग को अस्पताल के लिए भूमि आवंटित की थी। उसके बाद भाजपा सत्ता में आई तो उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या इस क्षेत्र में कार्यक्रम में शिरकत करने आए थे। इस दौरान उन्होंने मंच से ही 100 बेड का मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना का वादा किया था। उसके बाद भी आज तक अस्पताल की स्थापना नहीं हो सकी है। योगी सरकार के साढ़े चार वर्ष गुजर चुके हैं। जनता की बात आज तक मुख्यमंत्री के कानों तक नहीं पहुंच सकी है।

वित्त विभाग में अटका है प्रस्ताव : किदवई नगर के भाजपा विधायक महेश त्रिवेदी का कहना है कि मुख्यमंत्री से मुलाकात कर शहर के नौबस्ता में 100 बेड के अस्पताल की स्थापना के लिए आग्रह किया है। अस्पताल के जमीन पहले से ही आवंटित है। अगर अस्पताल के लिए बजट मिल जाए तो भूमि पूजन का कार्यक्रम तय कर लिया जाए। विधायक का कहना है कि अस्पताल की स्थापना के लिए लगातार प्रयासरत हैं। उसका प्रस्ताव वित्त विभाग में रुका हुआ है। यह तय है कि उस भूमि पर अस्पताल जरूर बनेगा।

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