बच्चे की मौत का मामला : वेंटिलेटर उपयोग लायक न बताने वाले बाल रोग विभागाध्यक्ष से जवाब तलब

वेंटिलेटर की गुणवत्ता पर सवाल उठाने के इस मामले में अब शासन स्तर से हुई कार्रवाई ने सबको चौंका दिया है। डा. नेहा को तो निलंबित कर राजकीय मेडिकल कालेज जालौन से संबद्ध कर दिया है वहीं डा. यशवंत से सात दिन में जवाब मांगा गया है।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 11:25 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 11:25 AM (IST)
बच्चे की मौत का मामला : वेंटिलेटर उपयोग लायक न बताने वाले बाल रोग विभागाध्यक्ष से जवाब तलब
सात दिन के अंदर अपनी आख्या स्प्ष्ट करें

कानपुर, जेएनएन। तारीख 18 जुलाई, वो दिन जब जीएसवीएम मेडिकल कालेज में पीएम केयर फंड से मिले खराब एग्वा वेंटिलेटर की वजह से बच्चे की मौत की चर्चा सामने आते खलबली मच गई। बाल रोग विभागाध्यक्ष डा. यशवंत ने प्राचार्य को लिखे पत्र में बच्चे की मौत का उल्लेख करते हुए एग्वा वेंटिलेटर का उपयोग करने से इन्कार कर दिया था। उन्होंने पत्र पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) की इंचार्ज डा. नेहा अग्रवाल की शिकायत के बाद लिखा था। डा. नेहा ने खराब वेंटिलेटर की वजह से इलाज प्रभावित होने की बात उठाई थी। वेंटिलेटर की गुणवत्ता पर सवाल उठाने के इस मामले में अब शासन स्तर से हुई कार्रवाई ने सबको चौंका दिया है। डा. नेहा को तो निलंबित कर राजकीय मेडिकल कालेज जालौन से संबद्ध कर दिया है वहीं, डा. यशवंत से सात दिन में जवाब मांगा गया है।

चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार की ओर से गुरुवार को भेजे गए पत्र में प्राचार्य के पत्र का हवाला देते हुए बच्चे की मौत के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर डा. नेहा अग्रवाल को जिम्मेदार माना है। उन्हेंं निलंबित करने का आदेश दिया है। साथ ही, प्रो. यशवंत राव को लिखा है कि आपके पत्र लिखने से मेडिकल कालेज व शासन की छवि धूमिल हुई। यह कृत्य सरकारी सेवा नियमावली का उल्लंघन है। सात दिन के अंदर अपनी आख्या स्प्ष्ट करें।

कालेज की टापर हैं डा. नेहा : डा. नेहा अग्रवाल ने जीएसवीएम मेडिकल कालेज से ही एमबीबीएस एवं पीजी की पढ़ाई की है। वह कालेज की टापर हैं। उन्हेंं पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने 21 गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया था। वह उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भी टापर हैं। 

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