कर्बला के शहीदों को याद कर गूंज उठी मातमी सदाएं
हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत के 40 दिन पूरे होने पर चेहल्लुम मना।
जागरण संवाददाता, कानपुर: हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत के 40 दिन पूरे होने पर मंगलवार को चेहल्लुम मनाया गया। कोरोना गाइडलाइन के चलते चेहल्लुम पर सार्वजनिक रूप से ताजियों व अलम के जुलूस नहीं निकाले गए। घरों व इमामबारगाहों में मजलिस व मातम हुआ। इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत पर रोशनी डाली गई। छोटी कर्बला व बड़ी कर्बला में ताजिया दफन किए गए। कर्बला के शहीदों को याद कर इमामबारगाहों में मातमी सदाएं गूंजती रहीं।
हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत मोहर्रम की दस तारीख को हुई थी। उनकी शहादत के 40 दिन पूरे होने पर चेहल्लुम मनाया गया। इस दौरान शहर भर की इमामबारगाहों में मजलिसें आयोजित की गईं। नौहाख्वानी व मातम किया गया। लोग ताजिया लेकर ग्वालटोली स्थित छोटी कर्बला व नवाबगंज स्थित बड़ी कर्बला पहुंचे और ताजिये दफन किए। सबील लगाकर शर्बत व पानी का वितरण भी किया गया। इमामबारगाह हादी बेगम में हुई मजलिस को मौलाना नुसरत आब्दी ने संबोधित किया। उन्होंने हजरत इमाम हुसैन की शहादत बयां की तो लोग रोने लगे। अन्य जगहों पर मौलाना सईद अब्बास, मौलाना बशीर हैदर, मुनव्वर हुसैन, कंबर हुसैन, मौलाना तसव्वर हुसैन आदि ने मजलिसों को संबोधित किया। इस दौरान हाजी मुंसिफ अली रिजवी, शमीम जाफरी, डा.जुल्फिकार अली रिजवी, आसिफ अब्बास, यूनुस रजा, यूसुफ जाफरी शकील अब्बास, रईसुल हसन रिजवी, शहंशाह मिर्जा आदि रहे।
------
बड़ी कर्बला तक पैदल पहुंचे जायरीन
कानपुर: हजरत इमाम हुसैन के चेहल्लुम पर आल इंडिया शिया युवा यूनिट के सदस्यों ने सूटरगंज से बड़ी कर्बला तक पैदल सफर किया। इस दौरान महिलाएं व बच्चे शामिल रहे। संगठन के महासचिव नायाब आलम ने बताया कि हजरत इमाम हुसैन के चेहल्लुम पर ईराक में नजफ से कर्बला तक पैदल सफर किया जाता है। इसी तर्ज पर यहां भी पैदल सफर किया गया। पैदल सफर में मोहम्मद जकी, मोहम्मद रजा, दानिश रिजवी, शाहिद अली, तहसीन हैदर आदि रहे।