COVID-19 Remdesivir Injection: कानपुर में कालाबाजारी के लिए बंगाल से भेजी गई इंजेक्शन की खेप, गिरफ्तार आरोपितों पर लगेगा NSA

Remdesivir COVID-19 Injection Black Marketing एसटीएफ और बाबूपुरवा पुलिस ने तीन शातिरों को किदवईनगर चौराहे के पास से गिरफ्तार किया है। तीनों के पास से करीब 265 265 इंजेक्शन बरामद हुए हैं। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि ये इंजेक्शन फर्जी है या असली।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 09:52 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 09:52 PM (IST)
COVID-19 Remdesivir Injection: कानपुर में कालाबाजारी के लिए बंगाल से भेजी गई इंजेक्शन की खेप, गिरफ्तार आरोपितों पर लगेगा NSA
कानपुर में कोराेना की वैक्सीन के साथ गिरफ्तार आरोपित।

कानपुर, जेएनएन। Remdesivir COVID-19 Injection Black Marketing जहां एक ओर शहर में वैक्सीन की शॉर्टेज से लोग परेशान हैं, वहीं कालाबाजारी का खेल भी शुरू हो चुका है। दरअसल, देश भर में कोरोना के बढ़ते मामले लोगों को भयभीत कर रहे हैं। ऐसे में वैक्सीन की बढ़ती मांग से कई शहरों में इसका अभाव है। वैक्सीन की कमी जिन शहरों में है उसमें कानपुर का नाम भी शामिल है। लेकिन जब शहर में गुरुवार शाम एसटीएफ की कानपुर इकाई को ब्लैक मार्केटिंग करने वालों की जानकारी मिली ताे पुलिस महकमा अलर्ट मोड पर आ गया। एसटीएफ और बाबूपुरवा पुलिस ने तीन शातिरों को किदवईनगर चौराहे के पास से गिरफ्तार किया है। तीनों के पास से करीब 265 इंजेक्शन बरामद हुए हैं। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि ये वैक्सीन फर्जी है या असली।

इस तरह मिली कामयाबी: एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि कोविड इंजेक्शन की कालाबाजारी के संबंध में लखनऊ की मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट से इनपुट मिला था। मिलिट्री इंटेलिजेंस ने लखनऊ में एसटीएफ के अधिकारियों को जानकारी दी। इसके बाद कानपुर इकाई को सक्रिय किया गया। एसटीएफ घंटाघर के पास बताए गए होटल में पहुंची तो पता लगा कि आरोपित वहां से जा चुके हैं। इसके बाद टीम ने बाबूपुरवा पुलिस की मदद से चेकिंग शुरू की और किदवईनगर चौराहे के पास दो शातिरों को पकड़ा। तलाशी में साड़ी के डिब्बे में इंजेक्शन बरामद हुए । जिसके बाद आरोपिताें को थाने लाया गया और पूछताछ शुरू की गई।

ये लोग किए गए गिरफ्तार: डीसीपी साउथ रवीना त्यागी ने इंजेक्शन की कालाबाजारी में शामिल आरोपितों के नाम बताए। उन्होंने कहा कि इसमें नौबस्ता पशुपति नगर निवासी प्रशांत शुक्ल, नौबस्ता बकटौरी पुरवा निवासी मोहन सोनी को पकड़ा गया है। इनकी निशानदेही पर यमुना नगर हरियाणा निवासी सचिन कुमार को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।

पं. बंगाल से हुई थी सप्लाई: शातिरों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के एक युवक से कुछ रुपये लेने थे। उसने रुपये देने के बजाय रोडवेज बस से इंजेक्शन भेजे थे। इंजेक्शन की सप्लाई उसे हरियाणा के यमुनानगर से आये युवक को बेचने थे। बता दें कि आरोपितों के पास से 265 इंजेक्शन (रेमडेसिविर) बरामद हुए हैं, जिन पर कोई बैच नंबर या अन्य जानकारी अंकित नहीं है। आरोपित पुलिस के समक्ष कोई बिल भी नहीं प्रस्तुत कर पाए हैं। आरोपितों के मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं। उनकी कॉल डिटेल देखी जा रही है। उसके आधार पर गिरोह में शामिल अन्य लोगों का पता लगाया जाएगा। फिलहाल आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। शुक्रवार को उन्हें कोर्ट में पेश करके जेल भेजा जाएगा। वहीं रात में पुलिस आयुक्त असीम अरुण भी थाने पहुंचे जहां उन्होंने ने आरोपितों से पूछताछ शुरू की है।

रिपोर्ट से पता लगेगा असली या नकली: ड्रग इंस्पेक्टर के मुताबिक इंजेक्शन पर हिट्रो कंपनी का लेबल लगा है। ये असली हैैं या नकली इसका पता लेबोरेट्री की जांच से पता चलेगा। रेट 5400 लिए हैं। 

संक्रमितों के इलाज में रामबाण: हैलट अस्पताल के न्यूरो साइंस कोविड अस्पताल के नोडल अधिकारी प्रो. प्रेम ङ्क्षसह के मुताबिक कोरोना संक्रमण के शुरूआती चरण में रेमडेसिविर रामबाण है। इसके इस्तेमाल से रोगी जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं। अत्यधिक गंभीर रोगियों में भी बेहतर परिणाम सामने आए हैं।

इनका ये है कहना: पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया कि मिलिट्री इंजेलीजेंस (लखनऊ) और यूपी एसटीएफ के इस संयुक्त आपरेशन में गिरफ्तार आरोपितों पर रासुका की कार्रवाई भी की जाएगी। क्योंकि यह मानवता के विरूद्ध गंभीर अपराध है। उन्होंने बताया कि इंजेक्शन भेजने वाले स्रोत और कालाबाजारी में लिप्त गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाकर सभी दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

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