Remdesivir Black Marketing Case: कानपुर में इंजेक्शन की कालाबाजारी का वाराणसी कनेक्शन आया सामने, पढ़िए
Remdesivir Injection Black Marketing in UP मिलिट्री इंटेलीजेंस के इनपुट पर यूपी एसटीएफ और बाबूपुरवा थाने की पुलिस ने किदवई नगर चौराहे के पास चेकिंग के दौरान बाइक सवार दोस्तों को 265 रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ पकड़ा था। मामले में अब वाराणसी कनेक्शन सामने आया है।
कानपुर, जेएनएन। Remdesivir Injection Black Marketing in UP कोरोना संक्रमितों के इलाज में काम आने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पकड़ने के बाद पुलिस सप्लाई नेटवर्क खंगाल रही है। पश्चिम बंगाल के सप्लायर अपूर्वा के इंजेक्शन वाराणसी फिर वहां से शहर भेजने की जानकारी के बाद पुलिस ने मोबाइल फोन की कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) पर फोकस किया है। पुलिस ने अपूर्वा की सीडीआर निकलवाई है। इसमें उसकी वाराणसी के छह अलग-अलग नंबरों पर बातचीत होने की बात सामने आई है। सर्विलांस टीम अब इन नंबरों के सहारे अन्य लोगों की तलाश में जुटी है।
ये है पूरा मामला: मिलिट्री इंटेलीजेंस के इनपुट पर यूपी एसटीएफ और बाबूपुरवा थाने की पुलिस ने किदवई नगर चौराहे के पास चेकिंग के दौरान बाइक सवार दोस्तों को 265 रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ पकड़ा था। पकड़े गए शातिरों ने पूछताछ में अपना नाम बख्तौरीपुरवा नौबस्ता निवासी मोहन सोनी, पशुपति नगर निवासी प्रशांत शुक्ल और यमुना नगर हरियाणा निवासी सचिन कुमार बताया था। पकड़े गए आरोपितों में मोहन को सरगना बताया गया था। मोहन का कहना था कि तीन साल पहले उसने पश्चिम बंगाल के अपूर्वा मुखर्जी को 86 हजार रुपये उधार दिए थे। उधार दी रकम न लौटा पाने पर अपूर्वा ने उसे रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के लिए भेजे थे। जिसके लिए वह इंटरनेट मीडिया के माध्यम से ग्राहक तलाश रहा था। यमुना नगर के सचिन से 10 इंजेक्शन का सौदा हुआ था। सप्लाई देने से पहले ही पुलिस ने पकड़ लिया। पूछताछ में बताया था कि अपूर्वा ने वाराणसी निवासी एक परिचित के माध्यम से यह इंजेक्शन उसे रोडवेज बस से भिजवाए थे। पुलिस ने रोडवेज बस अड्डे से पता किया तो सुबह कोई बस न आने की जानकारी हुई। इसके बाद पुलिस ने आरोपितों की सीडीआर निकलवाकर डिजिटल साक्ष्य जुटाने शुरू किए थे। पुलिस को वाराणसी के सप्लायर की तलाश है। इसके लिए अपूर्वा की कॉल डिटेल निकलवाई गई। जिसमें वाराणसी के ही छह अलग-अलग नंबर मिले हैं। जिस पर इंजेक्शन की सप्लाई भेजने के दिन कई बार बातचीत हुई है। पुलिस इन नंबरों पर काम कर रही है।
इनका ये है कहना: एसीपी गोविंद नगर विकास कुमार पांडेय ने बताया कि छह नंबर मिलने से यह साफ नहीं है कि सप्लाई देने वाले का नंबर कौन सा है। फिलहाल सभी नंबरों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। नंबर की मदद से ही पुलिस सप्लायर तक पहुंचेगी। सर्विलांस की टीम अब वाराणसी के इन नंबरों के सहारे दूसरे आरोपितों की तलाश में पूरी शिद्दत से जुट गई है।